बहरोड़ (अलवर). एनसीआर में शामिल अलवर जिले के औधोगिक नगरी के रूप में देश विदेश में नीमराणा और बहरोड़ जाना पहचाना जाता है. नीमराणा और बहरोड़ में जापान, कोरिया चीन जैसे देशों के हजारों लोग फैक्ट्रियों में प्रबंधन से लेकर विभिन्न पदों पर काम करते हैं. लेकिन, यहां के सार्वजनिक स्थलों को हालात को देख कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वस्छ भारत मिशन की पोल खुलती नजर आती है.
बहरोड़ हाईवे पर मूलभूत सुविधाओं का अभाव , हजारों यात्री हो रहे परेशान - basic amenities
बहरोड़ में सार्वजनिक शौचालयों की कमी के चलते आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बहरोड़ के प्रशासन ने जल्द ही सार्वजनिक सुविधाएं बहाल करने का आश्वासन दिया है.
सार्वजनिक स्थलों बस स्टैंड पार्कों और सड़कों के आसपास के स्थलों पर गंदगी का आलम बना हुआ है, और टॉयलेट की स्थिति तो बद से बदतर हालात में है. बता दें कि बहरोड नीमराणा साहजहांपुर नेशनल 8 पर बसा होने के बावजूद मूलभूत सुविधाएं आज भी नहीं है. बहरोड नीमराणा साहजहांपुर से दिल्ली जयपुर सहित जिला मुख्यालय को आने जाने के ये हजारों लोग यात्रा करते है. लेकिन, पीने का पानी , बैठने की जगह के साथ साथ सबसे जरूरी है टॉयलेट. इन मूलभूत सुविधाओं के नहीं मिलने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.
बात करें बहरोड़ की तो आजादी के बाद से आज तक यहां स्थाई बस स्टैंड नही होने से यात्रियों को पैदल चलकर दो किलोमीटर दूर हाइवे पर आना पड़ता है. बहरोड़ नगरपालिका में 20 हजार वोटर हैं. लेकिन एक ही शौचालय बना हुआ है, वो भी बदहाल अवस्था में है. वहीं जब हमने बहरोड ईओ मनीषा यादव से इस मामले में बात की तो उनका कहना है कि बहरोड में एक शौचालय है और हाइवे पर महिलाओं के साथ साथ आम आदमी को काफी परेशानी होती है. जल्द ही मीटिंग में प्रस्ताव रखकर बजट बनाया जाएगा और मंजूर करा कर कार्य सुचारु करेंगे. बहरोड एसडीएम सुभाष यादव ने बताया कि जिला कलेक्टर ने दो दिन पहले मीटिंग में सभी अधिकारियों को आदेश दिए थे. आम आदमी की जरूरतों को ध्यान में रखा जाए और उन कार्यों को जल्द ही पूरा करें.