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यहां सर्दी ने दी दस्तक...और शहर में रैन-बसेरों के हाल-बेहाल - lot of problems in night shelters

अलवर में चार स्थाई रैन बसेरे गरीब और बेसहारा लोगों के लिए बने हुए हैं. इन रैन बसेरों में समस्याओं की भरमार है. शौचालय में पानी नहीं आता है, तो वहीं रात भर लोगों को मच्छर खाते हैं. कई बार शिकायत करने के बाद भी प्रशासन का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है. ऐसे में गरीब लोगों के साथ खिलवाड़ हो रहा है.

अलवर न्यूज,  alwar latest news, रैन बसेरों में समस्याओं की भरमार, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान, lot of problems in night shelters, मूलभूत सुविधाओं का अभाव
अलवर के रैन बसेरों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव

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Published : Dec 11, 2019, 8:10 AM IST

अलवर.शहर में चार स्थाई रैन बसेरे हैं. इसमें स्टेशन, केडलगंज, कंपनी बाग के सामने और खजाना मोहल्ले में रैन बसेरा चलता है. इन रैन बसेरों में प्रतिदिन 100 से अधिक लोग शरण लेते हैं. लेकिन इनमें मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने मंगलवार रात को शहर के सभी चारों रैन बसेरों में रुके लोगों से बात की.

केदालगंज रैन बसेरे में पानी की व्यवस्था खराब है. ऐसे में यहां रुकने वाले लोगों को सुलभ शौचालय में जाना पड़ता है. खदाना मोहल्ले के रैन बसेरे में मच्छर के कारण लोगों को परेशानी होती है और वहां गंदगी का आलम है. लाइट की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है.

अलवर के रैन बसेरों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव

स्टेशन पर बने रैन बसेरे में गंदगी और बदबू से लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस रैन बसेरे में कई बार लोगों से पैसे लेने का आरोप लग चुका है. इस तरह से पुरानी सूचना केंद्र के बाहर चलने वाले रैन बसेरे में आने वाले लोगों को दिन निकलते ही भगा दिया जाता है. इसके अलावा भी रैन बसेरों में कई तरह की अवस्थाएं हैं. इन रैन बसेरों में 24 घंटे में एक बार सफाई होती है. जिससे गंदगी और बदबू से यहां आने वाले लोगों की हालत खस्ता रहती है.

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सबसे जरूरी आईडी...

रैन बसेरे में रुकने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी आईडी होता है, जिस व्यक्ति के पास कोई आईडी प्रूफ नहीं है. उसको रैन बसेरे में प्रवेश नहीं मिलता है. ऐसे में बड़ी संख्या में लोगों को सर्द भरी रात खुले आसमान के नीचे बितानी पड़ती है. रैन बसेरों में बेहतर व्यवस्था के दावे किए जाते हैं, लेकिन हालातों में आज तक कोई सुधार नहीं हुआ.

कई बार रैन बसेरो में पैसे लेने सहित कई गंभीर आरोप लग चुके हैं. लोगों का कहना है कि रैन बसेरों में मौजूद समस्याओं से कई बार प्रशासन को अवगत करा चुके हैं, लेकिन उसके बाद भी आज तक कोई सुधार नहीं हुआ.

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