अलवर.यूआईटी नगर परिषद सरकारी कार्यालय भ्रष्टाचार के अड्डे बन चुके हैं. आए दिन भ्रष्टाचार के बड़े आरोप लगते हैं, लेकिन उसके बाद भी लगातार घूसखोरी का यह सिलसिला जारी है. यूआईटी में काम करने वाले कांट्रेक्टर को कांट्रेक्ट की एवज में तीन प्रतिशत की राशि विभाग के अधिकारियों को रिश्वत के रूप में देनी पड़ती है. कई बार इसके मामले सामने आ चुके हैं. लेकिन विभाग के उच्च अधिकारियों और सरकार का इस पर कोई ध्यान नहीं है. ऐसा ही एक मामला, अलवर यूआईटी में सामने आया. यूआईटी की निर्माण शाखा में तैनात एक जेईएन नवीन दुआ को एसीबी की टीम ने 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है.
एसीबी के एएसपी विजय सिंह ने बताया, परिवादी यूआईटी का ठेकेदार है, जिसके अगल-अलग निर्माण के करीब सात लाख रुपए के बिलों का भुगतान होना था. बिल पास करने के लिए जेईएन ने तीन प्रतिशत रिश्वत मांगी थी, जो करीब 20 हजार रुपए बनते हैं. यह राशि परिवादी ने सोमवार को यूआईअी कार्यालय में ही जेईएन को थमाई. इसके तुरंत बाद एसीबी की टीम पहुंची. एसीबी को देख जेईएन भागने लगा, लेकिन उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
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