अलवर. शहर को राजस्थान की औद्योगिक राजधानी कहा जाता है. जिले में करीब 20 हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयां हैं. जिनमें लाखों श्रमिक काम करते हैं. इसके अलावा भी जिले में लगातार नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा रहे हैं. हाल ही में सरकार की तरफ से प्रदेश की पहली टॉय सिटी का उद्घाटन अलवर में किया गया. एनसीआर का हिस्सा होने के कारण अलवर में देशभर के कारोबारी निवेश कर रहे हैं, इसलिए सरकार ने प्रत्येक विधानसभा में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने का फैसला लिया है. इस पर रीको की तरफ से जिन विधानसभा क्षेत्रों में औद्योगिक क्षेत्र नहीं है, उन 10 विधानसभा क्षेत्र के उपखंड अधिकारी को पत्र लिखते हुए जमीन चिन्हित करने के लिए कहा गया है. रीको की तरफ से इस दिशा में तैयारी भी शुरू कर दी गई है.
रामगढ़, अलवर और कठूमर उपखंड अधिकारियों से व्यक्तिगत रूप से मिलने के बाद रीको की तरफ से जमीन का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा गया है. जल्द ही इसका मौका मुआयना किया जाएगा. जिसके बाद औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की प्रक्रिया शुरू होगी. जिले के रैणी, कठूमर, रामगढ़ और लक्ष्मणगढ़ में एक भी औद्योगिक क्षेत्र नहीं है. ऐसे में इन इलाकों में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं. इसी तरह से बानसूर में सरकार की एक कमेटी मौका मुआयना कर चुकी है. अलवर में इस समय 20 हजार छोटी, बड़ी और मध्यम औद्योगिक इकाइयां हैं. इनमें 6 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया जा रहा है. प्रमुख क्षेत्रों में भिवाड़ी, नीमराणा, शाहजहांपुर, बहरोड़, टपूकड़ा और अलवर शामिल है.
इंडस्ट्री के लिए प्रस्ताव बनाकर तैयार
रीको के क्षेत्रीय प्रबंधक आदित्य कुमार शर्मा के मुताबिक 11 उपखंड अधिकारियों को औद्योगिक क्षेत्र के लिए जमीन चिन्हित करने को कहा गया है. जिसके बाद उस क्षेत्र की जरूरत के हिसाब से नए औद्योगिक क्षेत्र डेवलप किए जाएंगे. सरकार का आदेश मिलते ही इस दिशा में काम शुरू हो चुका है. 2 जगह का प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भेज दिया गया है, जबकि एक जगह पर कमेटी द्वारा विजिट भी कर ली गई है. जमीन चिन्हित होने के बाद एक प्रस्ताव तैयार करके रीको को भेजा जाता है. वहां से एक कमेटी उस क्षेत्र का निरीक्षण करती है. जिसके बाद औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की प्रक्रिया शुरू होती है.