बहरोड़ (अलवर).एक तरफ जहां सब लोग दिवाली की खुशियां मना रहे हैं तो वहीं हजारों ऐसे भी लोग है जो दो वक्त की रोटी के लिए भी तरस रहे हैं. दीपावली की सफाई में हम अपने घरों से सैकड़ों कपड़े, बरतन, खिलौने यूं ही निकाल कर फेंक देते हैं. ये सोच कर कि ये सामान अब किस काम का. भले ही ये आपके लिए व्यर्थ हो पर आपके घरों से निकला ये सामान किसी के बहुत काम आ सकता है.
'आपके लिए व्यर्थ पर औरों के लिए जरूरी' कैंपेन के जरिए जरूरतमंदों में बांटी 'खुशियां' हर साल की भांति इस साल भी मंथन फाउंडेशन की ओर से 'आपके लिए व्यर्थ पर औरों के लिए जरूरी' कैंपेन के जरिए लोगों के घरों में से निकला पुराना सामान, कपड़े, खिलौनों आदि को इकट्ठा कर उन लोगों तक पहुंचाया, जिनकी इन्हें जरूरत थी. साथ ही ऐसे परिवारों को दीवाली की मिठाई, दीये आदि देकर दीपावली की शुभकामनाएं दी गईं. बच्चे खिलौने और बड़े ऊनी कपड़े पाकर काफी खुश थे.
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यह कार्यक्रम मंथन फाउन्डेशन चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से दीपावली के अवसर पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हाईवे पर स्थित मजदूर बस्ती में किया गया. संस्था के घनश्याम यादव ने बताया कि कार्यक्रम में घरों से निकलने वाले जरूरत योग्य कपड़ों, खिलौनों, बर्तन, शूज, शॉल, स्वेटर इत्यादि सामग्री को एकत्रित कर जरूरतमंद परिवारों में वितरित किया गया. साथ ही दीपों के महोत्सव दीपावली को ध्यान में रखते हुए इन परिवारों को मिट्टी के दीये, पूजन सामग्री, खील खिलौने मखाने का प्रसाद वितरित कर दीपावली की शुभकामनाएं भी दी गई.
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बता दें कि कार्यक्रम की इसी श्रृंखला में डॉ. अरविंद गोस्वामी के सौजन्य से गाड़िया लुहारों को 50 पैकेट खाने के भी वितरित किए गए और एक जरूरतमंद को ठंड से बचने के लिए रजाई भी दी गई. वसंती यादव ने बताया कि गत चार सालों से निरंतर चलाए जा रहे इस कैंपेन का उद्देश्य समाज को यही संदेश देना है कि दिवाली की सच्ची खुशी सिर्फ पटाखे फोड़ने से नहीं बल्कि जरूरतमंदों के चेहरे पर मुस्कान बांट कर ही प्राप्त की जा सकती है.