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अलवरः मम्मी-पापा के इंतजार में 6 साल का मासूम...कोरोना से जंग लड़ रहा दंपति डॉक्टर

कोरोना महामारी के बीच अलवर के एक डॉक्टर दंपति जयपुर के एसएमएस अस्पताल में लगातार कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज कर रहे हैं. वहीं अलवर में पीछे से उनका 6 साल का बच्चा दादा-दादी के पास अपने माता-पिता का इंतजार कर रहा है. ऐसे में वे कोरोना के असली हीरो हैं.

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Published : Apr 27, 2020, 8:39 PM IST

डॉ. हर्ष कुमार शर्मा पूर्व आयुर्वेद अधिकारी  doctor mummy and papa  battle with corona
माता-पिता जयपुर में कोरोना पॉजीटिव का कल रहे इलाज

अलवर.चिकित्सा कर्मी कोरोना वायरस से सीधी जंग कर रहे हैं. इन सबके बीच अलवर के डॉ. कपिल भारद्वाज और उनकी पत्नी लगातार जयपुर के एसएमएस अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज करने में जुटे हैं. ऐसे में उनका 6 साल का बच्चा अलवर में अपने दादा-दादी के पास है. कपिल की पत्नी डॉ. प्रतिभा शर्मा स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में जयपुर के एसएमएस अस्पताल में तैनात हैं.

माता-पिता जयपुर में कोरोना पॉजीटिव का कल रहे इलाज

डॉ. कपिल और उनकी पत्नी एक मां से अपने घर नहीं गए हैं. 16 से 17 घंटे वो हॉस्पिटल में सेवाएं देते हैं. उसके बाद स्टॉफ रूम में ही खाना खाते हैं. कुछ घंटे आराम करने के बाद वापस काम में जुट जाते हैं. अलवर के बुध विहार में डॉक्टर कपिल का घर है. उनके पिता पूर्व जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. हर्ष कुमार शर्मा ने बताया करीब डेढ़ महीने पहले अलवर में माता-पिता से मिलकर उदयपुर गए थे. उसके बाद अचानक कोरोना वायरस का प्रभाव बढ़ा, जब से लगातार दोनों जयपुर में ही मरीजों का इलाज करने में लगे हैं. उनका 5 साल का बेटा अलवर में है. जब भी बेटे को माता-पिता की याद आती है. वो वीडियो कॉल और कॉल करके उनसे बात करता है.

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परिवार के सभी सदस्य खासे परेशान रहते हैं. इस संबंध में जब ईटीवी भारत की टीम ने 5 साल के बच्चे से बात करने की कोशिश की तो उसने कहा कि उसके मम्मी पापा जयपुर में डॉक्टर हैं. वो मरीजों का इलाज कर रहे हैं. बातचीत में उसने कहा कि वो मम्मी पापा को भी फोन पर समझाता है. दादा-दादी से भी घर में मास्क पहनने सहित दूरी बनाए रखने की बात कहता है.

अकेले कपिल के हालात ऐसे नहीं है, ज्यादातर डॉक्टर अपने बच्चों को घर छोड़ कर आते हैं व लगातार कोरोना संदिग्धों का इलाज कर रहे हैं, जिन डॉक्टरों के बच्चे छोटे हैं. उनको जीवन यापन में खांसी दिक्कतें आ रही हैं या तो बच्चे बुजुर्गों के पास हैं. परिवार के अन्य सदस्यों के पास क्योंकि संक्रमण के चलते बच्चों को दूर रखना पड़ रहा है.

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