अलवर. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का दावा है कि जल्द ही सभी बच्चों के टीकाकरण का काम पूरा हो जाएगा. लेकिन अब भी हजारों की संख्या में ऐसे बच्चे हैं जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है. ऐसे में बच्चों के कई गंभीर बीमारी होने का खतरा बना हुआ है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने फिर से टीके लगाने की प्रक्रिया शुरू की है.
बच्चे के जन्म के बाद 5 साल तक अलग-अलग बीमारियों के टीके लगाए जाते हैं. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 4 माह तक जिले में टीकाकरण कार्यक्रम पूरी तरह से बंद रहा. ऐसे में जन्म के बाद लगने वाले जरूरी टीके बच्चों के नहीं लग पाए. कोरोना संक्रमण का खतरा अब कम होने लगा है, ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों के टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू की है. लेकिन बच्चों को टीके लगाना स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बन गया है.
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो अलवर जिले में 4567 बच्चों के बीसीजी का टीका लगना है. इसके अलावा पेंटावेलेंट की पहली डोज 7096 बच्चों के लगनी है. पेंटावेलेंट की दूसरी डोज 9787 बच्चों को लगनी है. पेंटावेलेंट की तीसरी डोज 12606 बच्चों के लगनी है. साथ ही आईपीवी 13 हजार 834 बच्चों व मिजल्स के टीके जिले में 5770 बच्चों के लगने हैं.
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