अलवर.किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि सरिस्का को बचाने के लिए अब सड़क पर उतरना होगा. सरिस्का के आसपास क्षेत्र में अवैध खनन हो रहा है. अधिकारियों के साथ मिलकर बाहर के लोग खुलेआम (Illegal Mining in Area Around Sariska) खनन कर रहे हैं. सरकारी जमीन का बंदरबांट हो रहा है. सैकड़ों बीघा जमीन लोगों ने अधिकारियों से सांठगांठ करके अपने नाम कर ली, जबकि सरिस्का के आसपास क्षेत्र में एनजीटी की रोक है. उसके बाद भी पूरा खेल चल रहा है.
ऐसे में सरिस्का को बचाने के लिए मंगलवार को सुबह 11 बजे थानागाजी से रैली के रूप में सरिस्का गेट से पांडुपोल तक जाएंगे. इस दौरान हजारों की संख्या में युवा व लोग मौजूद रहेंगे. किरोड़ी लाल मीणा ने सोमवार को अलवर के सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा सरिस्का खतरे में है. सरिस्का के आसपास क्षेत्र में Kirodi Lal on Sariska) अवैध खनन हो रहा है. अधिकारियों से मिलीभगत करके खान मालिक सीटीओ जारी करवा रहे हैं. जबकि एनजीटी व सुप्रीम कोर्ट के डायरेक्शन है कि सरिस्का क्षेत्र में खनन गतिविधि नहीं होंगी.
इसके अलावा तालाब नदी के भराव क्षेत्र में सरकारी जमीन पर होटल, रिसॉर्ट और रेस्टोरेंट बन गए हैं. कई बड़े होटल सरकारी जमीनों पर बने हुए हैं तो कुछ होटल नदी व तालाब क्षेत्र में बने हैं. सरकार व एनजीटी की रोक के बाद भी लगातार होटल, रिसॉर्ट के निर्माण कार्य चल रहे हैं. सरकार व अधिकारियों की देखरेख में यह खेल हो रहा है. अधिकारी इसमें मिले हुए हैं. ग्रामीण क्षेत्र में अपने पशु नहीं चला सकते हैं, इस पर रोक लगी हुई है. जबकि बाहर के लोग लगातार रजिस्ट्री कराने में लगे हुए हैं. गणेशपुरा गांव में 160 बीघा से ज्यादा की जमीन लोगों को हस्तांतरित कर दी गई, जबकि एनजीटी में सुप्रीम कोर्ट की रोक लगी हुई है.
किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि गांव के लोग रजिस्ट्री कराने के लिए परेशान होते हैं. श्रमिकों को रोजगार नहीं मिलता है. स्थानीय लोगों के खासी परेशानियां हैं, लेकिन अधिकारी लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं करते हैं. ग्रामीण अपने काम को लेकर सरकारी कार्यालयों में चक्कर लगाते हैं, उनकी सुनवाई नहीं होती है. इन सब समस्याओं को लेकर मंगलवार को सुबह 11 बजे से एक पैदल मार्च निकाला जाएगा, जो सरिस्का गेट से होता हुआ सरिस्का स्थित पांडुपोल मंदिर तक जाएगा. प्रशासन की तरफ से सकारात्मक आश्वासन नहीं मिला तो धरना दिया जाएगा.