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गांवां री सरकार: सरपंच पद के आगे फीकी पड़ रही है पंच पद की चमक, जानिए कैसे - दो चरणों के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी

देश के इतिहास पर नजर डालें तो पंच को प्राचीन काल से पूज्य तुल्य माना जाता रहा है. ग्रामीण क्षेत्र में न्याय के लिए पंच को बुलाया जाता था. वहीं पंच की अहम भूमिका रहती थी. लेकिन सरपंच पद की चकाचौंद के आगे पंच पद की चमक अब फीकी पड़ रही है.

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पंच को प्राचीन काल से माना जाता है पूज्य तुल्य

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Published : Jan 15, 2020, 3:46 AM IST

अलवर.पंचायत चुनावों की सरगर्मी दिनों दिन तेज हो रही है. दो चरणों के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. तो वहीं सरकार की तरफ से चुनाव की तारीखों में कुछ बदलाव करने के कारण चुनाव प्रक्रिया में देरी हुई है.

बता दें कि प्रथम चरण में कठूमर, रैणी और तिजारा पंचायत समिति के चुनाव होने हैं. इनमें पंच पद के लिए 11 जगह ऐसी हैं, जहां किसी ने नामांकन दाखिल नहीं किया है. जबकि 677 वार्ड में एक ही प्रत्याशी होने के कारण निर्विरोध निर्वाचन हो गया है. केवल 696 वार्डों में 1742 प्रत्याशियों के बीच पंच पद के लिए मुकाबला होना है.

सरपंच पद की चकाचौंद के आगे पंच पद की चमक अब फीकी

इनमें कुछ जगहो पर सीधा, तो कुछ पर त्रिकोणीय संघर्ष देखा जा रहा है. जबकि प्रथम चरण में 120 ग्राम पंचायतों में सरपंच पद के लिए 101 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला देखने को मिल रहा है. इस हिसाब से सरपंच के 1 पद के लिए 9 से 10 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है.

ऐसे में पंच पद के लिए लोगों का रुझान दिनोंदिन कम हो रहा है. पंच पद के प्रति लोगों में ज्यादा क्रेज देखने को नहीं मिल रहा है. प्रथम चरण में 1, 384 वार्डों में पंच पद का निर्वाचन होना है. इनमें से 677 वार्डों में एक ही प्रत्याशी होने के कारण निर्विरोध चुन लिया जाएगा.

पढ़ें:गांवां री सरकार: उप सरपंच पद चुनाव की तारीखों का ऐलान, जाने किस-किस दिन है चुनाव

जबकि 11 वार्डों में पंच पद का चुनाव लड़ने के लिए किसी ने इच्छा जाहिर नहीं की है. प्रथम चरण में केवल 696 वार्ड ही ऐसे हैं. जहां पंच पद के लिए ग्रामीणों में कुछ उत्सुकता देखने को मिली है. ऐसे में 696 वार्डों में 1742 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं.

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