अलवर. पूरे प्रदेश में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट पर रोक लगी हुई है. अब डीलर स्तर पर नंबर प्लेट लगाकर वाहन बेचे जा रहे हैं. इस दौरान पुराने वाहनों पर नंबर प्लेट नहीं लग पाई है, जबकि दिल्ली में बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट वाले वाहन चालकों के चालान काटे जा रहे हैं. ऐसे में अलवर सहित आस-पास के सीमावर्ती जिलों के लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
गौरतलब है कि अलवर से प्रतिदिन बड़ी संख्या में वाहन चालक एनसीआर के विभिन्न शहरों में जाते हैं. इसलिए यहां के हजारों वाहन स्वामियों को आए दिन नंबर प्लेट की समस्या से जूझना पड़ रहा है. वहीं, वाहनों पर लगने वाली हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लेकर एक बार फिर से राजस्थान बेबस नजर आने लगा है. राजस्थान से दिल्ली की ओर जाने वाले वाहनों को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं होने के कारण जुर्माने की मोटी राशि चुकानी पड़ रही है.
अलवर में पुराने वाहनों पर नहीं लग सके हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट पढ़ें:अलवर: ESIC मेडिकल कॉलेज को केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद राज्य सरकार ने तेज की तैयारी
राजस्थान में पहले के पंजीकृत वाहनों में नंबर प्लेट नहीं लग पा रही है. ऐसे में लोगों को दिल्ली आने-जाने में खासी दिक्कत हो रही है. पिछले 3 महीनों के बात करें तो अलवर से जाने वाले वाहनों में से 70 फिरती वाहनों के चालान दिल्ली में किए गए हैं. ऐसे में लोग अब अपने वाहनों से दिल्ली जाने से बच रहे हैं.
बता दें कि लंबे समय से प्रदेश में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगने का काम रुका हुआ है. राजस्थान में 1 अप्रैल 2019 से पहले पंजीकृत हुए अधिकांश वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं है. दिल्ली से आने के बाद जब वाहन स्वामी विभाग से इस बारे में संपर्क करते हैं तो उन्हें जवाब नहीं मिल पाता है. वहीं, ये मामला भी न्यायालय में विचाराधीन है. ऐसे में पुराने वाहनों की हाई सिक्योरिटी प्लेट का क्या होगा, यह कोर्ट के निर्देश के बाद ही पता चल सकेगा. वाहन स्वामियों की समस्या का समाधान अभी तक नहीं हुआ है. ऐसे में अब दिल्ली जाने से लोग बचने लगे हैं.
पढ़ें:भरतपुर: SI पद पर पदोन्नति परीक्षा आयोजित, 55 अभ्यर्थियों में से 18 सफल
वहीं, सरकार के निर्देशों के बाद परिवहन विभाग ने एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा था कि 1 अप्रैल 2019 के बाद निर्मित वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने का काम डीलर या वाहन निर्माता का होगा. इसकी एवज में अलग से कोई राशि नहीं ली जाएगी और प्लेट की कीमत वाहन खरीददार को दी जाएगी.