अलवर. जिले में 98 हजार दिव्यांग हैं. जिस वजह से प्रदेश में अलवर तीसरे स्थान पर आता है. सबसे ज्यादा दिव्यांग जयपुर जिले में है. उसके बाद जोधपुर और तीसरे स्थान पर अलवर है. लॉकडाउन और उसके बाद लगातार चल रही कोरोना काल में सबसे ज्यादा परेशानी दिव्यांगों को उठानी पड़ रही है. संक्रमण के डर से लोग इनकी मदद नहीं कर रहें है. लोगों ने इनसे दूरी बना ली है. ऐसे में कुछ दिव्यांग तो मानसिक पीड़ा भी झेल रहे हैं.
इन लोगों के पास खाने के लिए राशन नहीं है तो वहीं बिना रोजगार के और पैसे के हालात ज्यादा खराब हो रही है. दिव्यांगों ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की इस दौरान कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने हमें दिव्यांग शब्द दिया. इसकी जगह पर वो हमें एक रोजगार देते. जिससे हम आत्मनिर्भर बनते. इसके बाद हमें किसी भी सरकारी योजना की कोई आवश्यकता नहीं होती. दिव्यांगों ने कहा कि हम खुद देश का निर्माण कर सकेंगे. बता दे कि बैंकों की तरफ से दिव्यांगों को लोन नहीं दिया जाता है.