अलवर. अवैध खनन के लिए अलवर पूरे देश में बदनाम है. जिले से अवैध खनन के मामले आए दिन सामने आते हैं. सबसे ज्यादा अवैध खनन की घटनाएं वन क्षेत्र में होती हैं. ऐसे में वन विभाग ने अवैध खनन को रोकने का एक नया तरीका निकाला है. हर साल वन विभाग की तरफ से सरकारी भूमि पर पौधे लगाए जाते हैं. लेकिन इस बार उन क्षेत्रों में पौधे लगाए जाएंगे, जहां खनन माफिया अवैध खनन करते हैं. इसके लिए जगह चिन्हित कर ली गई है और कुछ ही दिनों में पौधे लगाने का काम भी शुरू (Measures to Prevent Illegal Mining)हो जाएगा.
अलवर शहर अरावली पर्वत माला से घिरा हुआ है. शहर में ढाई सौ से ज्यादा पत्थर की खानें हैं. बता दें कि वन क्षेत्र और सरकारी पहाड़ों पर अवैध खनन खुलेआम होता है. अवैध खनन माफियाओं ने खनन कर कर कितने पहाड़ गायब कर दिए है, इसी के चलते आज अलवर पूरे देश में बदनाम है. हालांकि समय-समय पर वन विभाग की तरफ से अवैध खनन माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है. बता दें कि जिन क्षेत्रों में ज्यादा खनन होता है, उन जगहों पर बड़े गड्ढे कराए गए हैं. साथ ही उन रास्तों को जेसीबी की मदद से तोड़ भी दिया गया है. वहीं पहाड़ी के चारों तरफ खाई खोदी गई हैं. लेकिन फिर भी अवैध खनन की घटनाएं होती है. ऐसे में वन विभाग ने अवैध खनन रोकने के लिए एक नवाचार करने का फैसला (Forest Department is taking measures to prevent Illegal mining ) लिया है.