अलवर.दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे पर होने वाले हादसों में अब कमी आएगी. इस हाईवे पर सबसे ज्यादा हादसे अलवर जिले की सीमा क्षेत्र में होते हैं. जिसको देखते हुए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने अलवर क्षेत्र में तीन जगहों पर फ्लाईओवर बनाने का फैसला लिया (Flyover will built three places) है. फ्लाईओवर का निर्माण कार्य जल्द शुरू हो जाएगा. इन फ्लाईओवर के बनने के बाद लोगों को भी राहत मिलेगी.
जयपुर-दिल्ली नेशनल हाईवे पर जगह-जगह निर्माण अधूरा है. हाईवे पर लगातार ट्रैफिक का दबाव बढ़ रहा है. ऐसे में आए दिन हाईवे पर हादसे होते हैं. हाईवे पर सबसे ज्यादा हादसे अलवर जिले सीमा क्षेत्र में होते हैं. दरसअल बहरोड, नीमराना, शाहजहांपुर और बानसूर क्षेत्र में हाईवे पर अंडरपास और फ्लाईओवर नहीं हैं. ऐसे में लोग हाईवे के बीच से सड़क पार करते हैं. हाईवे पर अंडरपास और फ्लाईओवर की कमी के चलते हो रही सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए एनएचएआई जागुवास चौक और दहमी पर करीब 12 करोड़ रुपए की लागत और सोतानाला में 13 करोड़ रुपए लागत से फ्लाईओवर का निर्माण कराएगा.
पढें:कोटा में हाईवे पर NHAI ने बनाया करोड़ों का फ्लाईओवर...आर्मी की आपत्ति के कारण ढाई साल से बंद
दिल्ली जयपुर हाईवे के प्रोजेक्ट डाइरेक्टर अजय आर्य ने बताया टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. जल्द ही फ्लाईओवर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. इन जगहों पर फ्लाईओवर बनने से लोगों को राहत मिलेगी. जागुवास चौक सड़क हादसों का ब्लैक सपोर्ट है. यहां होने वाले सड़क हादसों में सैकड़ों लोग अपनी जान गवां चुके हैं. हादसे रोकने के लिए प्रयास किए गए थे. दिल्ली-जयपुर हाईवे पर हादसे रोकने के लिए ड्राइविंग सिस्टम लागू किया गया था. प्रदेश के सभी चार और छह लेन वाली सडक़ों पर लेन ड्राइविंग लागू करने की योजना थी. अलवर के बहरोड़ से अजमेर के किशनगढ़ तक 200 किलोमीटर मार्ग को विकसित होना था. हाईवे के दोनों किनारों पर 7 मीटर पर नियमानुसार वाहनों और अतिक्रमण हटना था और हाईवे पर बने अवैध कट भी बंद होने थे. लेकिन हालातों में सुधार नहीं हुआ.