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नेहरू@130: देश के पहले प्रधानमंत्री का है अलवर से खास नाता

देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की गुरुवार को 130वीं जंयती है. अलवर के साथ पंडित नेहरू का खास नाता है. उनके जयंती को पूरा देश बाल दिवस के रुप में मनाता है. वहीं इस अवसर पर अलवर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते है.

Prime Minister Pandit Jawaharlal Nehru,जवाहरलाल नेहरू की 130वीं जंयती

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Published : Nov 14, 2019, 9:44 AM IST

अलवर.देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की गुरुवार को 130वीं जंयती है. उनके जयंती को पूरा देश बाल दिवस के रुप में मनाता है. वहीं पंडित नेहरू का अलवर से गहरा नाता रहा है. वे अपने प्रधान मंत्री के कार्यकाल में अलवर आए थे. वहीं उस समय उन्होंने अलवर के कंपनी बाग में एक सभा को संबोधित किया था.

पंडित जवाहरलाल नेहरू का अलवर से खास नाता

देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू 1954 में पहली बार अलवर आए थे. उन्होंने अलवर के कंपनी बाग में सेवा दल और कांग्रेस के सम्मेलन में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने अपने विचार रखें थे. उस समय पूर्व जिला प्रमुख रामजी लाल अग्रवाल एडवोकेट और नंदलाल अग्रवाल सहित अन्य लोगों ने उनका स्वागत किया. पंडित नेहरू और गांधी परिवार का अलवर से खासा पुराना नाता रहा है. इसलिए पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिवस के मौके पर अलवर में खास कार्यक्रम होते हैं व लोग उन्हें याद किया जाता है.

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1954 में सभा के दौरान दिखाए गए थे काले झंडे
उस दौर के समाजवादी पार्टी के पंडित विशंभर दयाल शर्मा, लक्ष्मीचंद बजाज और उनके अन्य साथियों ने पंडित के अलवर आगमन पर जमकर नारे लगाए. साथ ही उन को काले झंडे दिखाए. जिसके बाद पुलिस ने उन तीनों को गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि पंडित जवाहरलाल नेहरू के अलवर से रवाना होने के बाद उन्हें पुलिस ने छोड़ दिया गया था.

राजस्थान के समाजवादी नेता ने नेहरू पर लिखी है किताबें

राजस्थान के समाजवादी नेता सूर्य नारायण चौधरी ने नेहरू पर दो पुस्तक लिखी जिसमें उनकी आलोचना भी की गई. पंडित जवाहरलाल नेहरू के जीवन और कृतित्व पर अनेक पुस्तकें लिखी गई. इन पुस्तकों की विश्व भर में समीक्षा की गई. पंडित जवाहरलाल नेहरू के शासन से नए भारत का निर्माण हुआ था. पंडित जवाहरलाल नेहरू का 1947 से 27 मई 1964 का समय कॉल गौर करने वाला है. नेहरू ने स्वतंत्रता आंदोलन के कर्मठ सिपाही रहे हैं. लगभग 9 साल जेल में रहे और उन्होंने काफी पुस्तकें उस समय लिखी थी.

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