अलवर.राजस्थान का किसान आंदोलन तेजी से उग्र हो रहा है. हजारों की संख्या में राजस्थान व हरियाणा से किसान आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए आ रहे हैं. सोमवार का दिन किसान आंदोलन के लिए खासा अहम रहा. राष्ट्रव्यापी आह्वान पर किसान नेता रामपाल जाट व योगेंद्र यादव सहित कुछ किसान नेता शाम तक भूख हड़ताल पर रहे. इस दौरान शाहजहांपुर व बहरोड़ क्षेत्र में किसानों की तरफ से कई सभाओं को आयोजन किया गया और आगामी रणनीति तैयार की गई.
सोमवार को सिंघु बॉर्डर के साथ राजस्थान सीमा पर भी किसान भूख हड़ताल पर रहे. सुबह से शाम तक एक दिन की भूख हड़ताल के दौरान किसानों ने कहा कि जब तक सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती उनका विरोध जारी रहेगा. सरकार बातचीत करने की बात कह रही है. जबकि किसान कानून वापस लेने की बात पर अड़े हुए हैं. हरियाणा सीमा पर किसानों की सभा हुई. सभा को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार किसान विरोधी सरकार है. लगातार किसान सर्दी के मौसम में धरना दे रहा हैं लेकिन सरकार अपनी बात पर अड़ी हुई है.
प्रशासन कर रहा है लोगों को परेशान हम नहीं
किसानों ने कहा कि जब तक उन्हें दिल्ली जाने नहीं दिया जाएगा वो हरियाणा सीमा पर धरने पर बैठे रहेंगे. उन्होंने कहा कि किसान के कारण लोग परेशान नहीं है, प्रशासन ऐसा दिखाने का प्रयास कर रही है. दिल्ली-जयपुर हाईवे से गुजरने वाली एंबुलेंस व आपातकालीन सेवाओं को खुद किसान जाम से निकालने का काम कर रहे हैं. लेकिन हरियाणा सरकार व पुलिस बैरिकेडिंग कर के बैठी हुई है. जिसके चलते कई बार लोगों को दिक्कत हुई.