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Exclusive: दिल्ली कूच से पहले हनुमान बेनीवाल बोले- अगर कृषि कानून वापस नहीं लिए तो NDA से समर्थन वापस लेंगे - कृषि बिल

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने शनिवार को दिल्ली कूच का आह्वान किया है. इससे पहले शुक्रवार को वो अलवर पहुंचे. इस दौरान ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार कृषि कानून में संशोधन के लिए तैयार हैं. ऐसे में साफ है कि कानून में गलती है. सरकार की किरकिरी पहले ही हो चुकी है. ऐसे में सरकार को समझदारी दिखाते हुए इन तीनों कानूनों को वापस ले लेना चाहिए.

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सांसद हनुमान बेनीवाल से ईटीवी भारत ने की खास बातचीत

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Published : Dec 26, 2020, 3:50 AM IST

Updated : Dec 26, 2020, 7:31 AM IST

अलवर.राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने शनिवार को दिल्ली कूच का आह्वान किया है. ऐसे में अलवर के कई क्षेत्रों में उन्होंने सभा करते हुए ज्यादा से ज्यादा लोगों से शाहजहांपुर में हरियाणा बॉर्डर पर पहुंचने की बात कही है. हनुमान बेनीवाल लगातार एनडीए से समर्थन वापस लेने की बात कह रहे हैं, लेकिन अभी तक समर्थन वापस नहीं लिया गया है. वहीं, अलवर पहुंचे हनुमान बेनीवाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

सांसद हनुमान बेनीवाल से ईटीवी भारत ने की खास बातचीत

हनुमान बेनीवाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा की राजस्थान में वो अकेले हैं, जो एनडीए के साथ रहकर किसान बिलों का विरोध कर रहे हैं. सरकार ने नए कानून में संशोधन की बात कही है. ऐसे में साफ है कि कानून में गलती है. कानून में संशोधन लोकसभा में किया जाएगा. ऐसे में सरकार की किरकिरी होगी. इसलिए सरकार को तुरंत इन तीनों कानूनों को वापस ले लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि आगे भी उनका विरोध जारी रहेगा. अगर सरकार कानूनों को वापस नहीं लेती तो है सरकार से समर्थन लेने पर भी फैसला लिया जाएगा.

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हनुमान बेनीवाल ने कहा कि शनिवार को हरियाणा बॉर्डर पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचेंगे जिसके बाद दिल्ली कूच का फैसला लिया गया है. इस दौरान आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी. पूरे देश की निगाहें राजस्थान पर टिकी हुई है. शनिवार के दिल्ली कूच के बाद किसानों को नई ताकत मिलेगी. अगर केंद्र सरकार कानून वापस नहीं लेती है तो एनडीए से समर्थन वापस ले लेंगे. उन्होंने कहा कि पूरे देश के किसानों में नए कृषि कानूनों को लेकर खासा विरोध देखने को मिल रहा है. देश के अन्नदाता से कोई मुकाबला नहीं कर सकता है. ऐसे में सरकार तुरंत अपने तीनों कानून वापस ले.

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उन्होंने कहा कि जब उन्होंने एनडीए से समर्थन वापस लेने की बात कही थी, उस समय देश के गृहमंत्री ने उनसे बातचीत की थी. उस समय 7 दिन का अल्टीमेटम दिया गया था, लेकिन सर्दी ज्यादा होने के कारण 5 दिन अतिरिक्त समय लिया गया. साथ ही जयपुर और अलवर में उन्होंने सैकड़ों सभाएं की हैं. राजस्थान के एक छोर से दूसरे छोर बड़ी संख्या में लोग आएंगे. उन्होंने कहा कि तीनों समितियों से उन्होंने इस्तीफा दे दिया है. वो किसान के साथ खड़े हुए हैं. अगर किसान संगठनों की सरकार से वार्ता सफल रहती है तो उसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी.

Last Updated : Dec 26, 2020, 7:31 AM IST

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