अलवर.आए दिन पेट्रोल पंप पर कई तरह की गड़बड़ी की शिकायत मिलती है. पेट्रोल पंप की समय-समय पर जांच नहीं होने के कारण खुलेआम पंप संचालक मनमानी करते हैं. ग्रामीण क्षेत्र में हालात और भी ज्यादा खराब हैं. पेट्रोल में मिट्टी का तेल सहित कई तरह के केमिकल मिलाए जाते हैं. कुछ जगह पर पेट्रोल की मांग पूरी नहीं होने के कारण ग्राहक खासे परेशान होते हैं.
अलवर जिले में कुल 165 पेट्रोल पंप हैं. यहां कई औद्योगिक इकाइयां हैं. लाखों गाड़ियां सड़क पर दौड़ती हैं, इसलिए लगातार पेट्रोल की डिमांड बढ़ रही है. ऐसे में पेट्रोल में मिलावट के मामले भी बढ़ने लगे हैं. इन हालातों को देखते हुए ईटीवी भारत की टीम ने अलवर के कई पेट्रोल पंप पर पेट्रोल चेक किया.
आम आदमी को नहीं है जानकारी कहां करें शिकायत?
इस दौरान कुछ पेट्रोल पंप संचालकों ने पेट्रोल को नाप कर दिया और कुछ कर्मचारियों ने पेट्रोल नापने से मना कर दिया. हालांकि सभी जगह पर पेट्रोल की जांच करने के कोई इंतजामात नजर नहीं आए. दूसरी तरफ आम व्यक्ति को पेट्रोल पंप की शिकायत करने के लिए खासी परेशानी उठानी पड़ती है. उनको यह जानकारी नहीं होती है कि पेट्रोल पंप वालों की शिकायत कहां करें?
सरकारी नियम के हिसाब से साल में एक बार बाट माप तोल विभाग के कर्मचारी पेट्रोल पंप की जांच करते हैं. इसके अलावा कंपनी की तरफ से भी पेट्रोल की गुणवत्ता और मशीनों को समय-समय पर चेक करने की व्यवस्था है. लेकिन उसके बाद भी पेट्रोल पंप संचालक द्वारा कई तरह की गड़बड़ियों के मामले सामने आते हैं.
पेट्रोल पंपों की समय-समय पर होती है जांच
बीते दिनों देश के विभिन्न हिस्सों में चिप के माध्यम से पेट्रोल में गड़बड़ी करने, पेट्रोल और डीजल मशीन के साथ छेड़छाड़ करने सहित कई तरह के मामले सामने आए थे. उसके बाद सरकार ने सभी पेट्रोल पंपों के समय-समय पर जांच करने के निर्देश दिए. इस पर बाट माप तोल विभाग में कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ाई गई. इसके बाद जांच पड़ताल सुविधा हुई, लेकिन आम आदमी को शिकायत कहां करनी है, किस तरह से पेट्रोल पंप और पेट्रोल की जांच होगी? इन सब सवालों के जवाब आसानी से नहीं मिलते हैं, इसलिए आम आदमी परेशान होता है और हार कर अपनी समस्या भूल जाता है.