अलवर.देशभर में श्वानों के काटने से ना जाने काफी लोगों की जान चली जाती है. राजस्थान में भी श्वानों ने एक समय में लोगों का जीना दुश्वार कर दिया था. लेकिन कोरोना वायरस (corona virus) ने लोगों को घरों में कैद कर दिया है. जब तक कोई महत्वपूर्ण काम ना हो, लोग घरों से नहीं निकल रहे हैं. ऐसे में डॉग बाइट की घटनाओं में भी कमी आई है.
प्रदेश में डॉग बाइट की सबसे ज्यादा घटनाएं जयपुर में होती हैं. जयपुर के बाद दूसरे स्थान पर अलवर और तीसरे स्थान पर भरतपुर जिला है. अलवर में आए दिन बड़ी संख्या में डॉग बाइट के मामले सामने आते हैं. बड़ी संख्या में लोगों को एंटी रेबीज के इंजेक्शन लगते हैं. लेकिन कोरोना का असर डॉग बाइट की घटनाओं पर भी पड़ रहा है.
अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में बड़ी संख्या में लोग एंटी रेबीज (Anti rabies) के इंजेक्शन लगवाने पहुंचते हैं. सामान्य अस्पताल के अलावा जिले की सभी सीएचसी और पीएचसी में डॉग बाइट के इंजेक्शन लगाए जाते हैं. अलवर जिले में एक साल के दौरान 60 हजार से अधिक लोगों को डॉग बाइट के इंजेक्शन लगाए गए. ऐसे में साफ है कि अलवर में हर साल 50 हजार से अधिक डॉग बाइट की घटनाएं होती हैं.
यह भी पढ़ें :Special : कोरोना काल में मरीजों और अस्पताल प्रशासन का हाल बेहाल, जेब पर बढ़ रहा भार
आंकड़ों पर नजर डालें तो 2019 में फरवरी से जुलाई माह के बीच करीब 30 हजार लोगों को एंटी रेबीज (Anti rabies) इंजेक्शन लगाए गए. तो वहीं 2020 में फरवरी से जुलाई महीने के बीच 14 हजार 759 लोगों को एंटी रेबीज (Anti rabies) इंजेक्शन लगाए गए.