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SPECIAL : खांसी, बुखार और जुकाम से आगे बढ़ा कोरोना, उल्टी-दस्त और डायरिया वाले मरीज हो रहे कोरोना पॉजिटिव

पूरा देश इस वक्त कोरोना महामारी के कहर से जूझ रहा है. रोज लाखों लोग इस जानलेवा महामारी की चपेट में आ रहे हैं. तो वहीं, हजारो लोग अपनी जान गवां रहे हैं. डॉक्टरों का मानना है कि कोरोना की दूसरी लहर पहली से भी ज्यादा खतरनाक है. जब 2020 में कोरोना की पहली लहर आई थी तब लोगों को खांसी जुकाम और बुखार की शिकायत होती थी लेकिन दूसरी लहर पहली से कई गुना अधिक संक्रमित है.

अलवर में कोरोना का कहर, Corona havoc in Alwar
खांसी, बुखार और जुकाम से आगे बढ़ा कोरोना

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Published : Apr 21, 2021, 12:15 PM IST

अलवर.कोरोना की पहली लहर में खांसी, जुकाम, बुखार वाले मरीज पॉजिटिव मिल रहे थे, लेकिन दूसरी लहर पहली से कई गुना अधिक संक्रमित है. इसमें अलग-अलग तरह की बीमारियों के लोग भी पॉजिटिव आ रहे हैं. डायरिया वाले मरीजों को सबसे ज्यादा कोरोना की शिकायत हो रही है. इसके अलावा कोरोना के कारण लोगों को हार्ट अटैक की परेशानी भी होने लगी है. आंखों का लाल होना, उल्टी होना सहित कई अन्य तरह की शिकायतें होने पर इलाज के दौरान कोरोना की पुष्टि हो रही है.

उल्टी-दस्त और डायरिया वाले मरीज हो रहे कोरोना पॉजिटिव

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अलवर में अब तक कुल 27 हजार 162 लोग पॉजिटिव हो चुके हैं. इसमें से 162 मरीज डिस्चार्ज हुए हैं. जबकि अब तक कुल 22 हजार 938 मरीज जिले के सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो चुके हैं. जिला हॉस्पिटल में 336 मरीज भर्ती हैं. इनमें से 40 मरीज आईसीयू में भर्ती हैं. जबकि 16 मरीज वेंटिलेटर पर हैं.

अलवर में 3,799 मरीज होम आइसोलेशन में हैं. जिले में कोरोना से अब तक 89 लोगों की मौत हो चुकी है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नजर डाले तो जिले में 4135 अभी एक्टिव केस हैं. जिले में प्रतिदिन 500 से अधिक में संक्रमित मरीजों की संख्या ने स्वास्थ्य विभाग को परेशान कर दिया है. बिगड़ते हालात पर काबू पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार लोगों को जागरूक कर रहा है.

कोरोना के चलते लोगों में हार्ट अटैक की शिकायत बढ़ी

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डॉक्टरों का कहना है कि यही हालात रहे तो आने वाले समय में मरीजों को इलाज के लिए अस्पताल में बेड नहीं मिलेंगे. ऐसे में लोगों को सावधान होने की आवश्यकता है. साथ ही कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर से कई गुना घातक है. कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर ने कहा की पहली लहर में केवल खांसी, जुकाम, बुखार वाले मरीज कोरोना संक्रमित मिल रहे थे, लेकिन अब मरीजों में अलग तरह के लक्षण मिल रहे हैं. कई तरह के कॉम्प्लिकिकेशन सामने आ रहे हैं. डॉक्टरों ने कहा उल्टी-दस्त, डायरिया की शिकायत वाले मरीज कोरोना पॉजिटिव मिल रहे हैं. इनको शुरुआत में डायरिया मानकर भर्ती किया जा रहा है, लेकिन जांच पड़ताल में यह लोग पॉजिटिव आ रहे हैं.

कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर से कई गुना घातक

इसी तरह से कोरोना के चलते लोगों में हार्ट अटैक की शिकायत बढ़ गई है. आंखें लाल होना बेचैनी रहना साथ ही 30 प्रतिशत मरीज नॉन सिंप्टोमेटिक मिल रहे हैं. इनमें किसी भी तरह का कोई सिम्टम्स नहीं है. किसी अन्य तरह की परेशानी होने पर यह लोग सामान्य बीमारी का इलाज कराने के लिए अस्पताल पहुंचते हैं. उसके बाद जांच पड़ताल में कोरोना पॉजिटिव आ रहे हैं.

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विशेषज्ञों की माने तो दूसरी लहर इतनी खतरनाक है कि 3 दिन में मरीज के फेफड़े खराब हो जाते हैं. अलवर में दर्जनों ऐसे मामले आ चुके हैं. जो मरीज पॉजिटिव आने के अगले दिन ही गंभीर हो जाता है और उसकी मौत हो जाती है. कोरोना संक्रमण मरीजों के लंग्स पर अटैक कर रहा है. उनके फेफड़े 90 प्रतिशत या उससे अधिक पूरी तरीके से खराब हो जाते हैं. ऐसे में सांस लेने में परेशानी होती है.

लाखों लोग इस जानलेवा महामारी की चपेट में आ रहे

यही हालात रहे तो आने वाले समय में परेशानी और बढ़ सकती है. ऐसे में लोगों को किसी भी तरह की दिक्कत होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए बिना डॉक्टर की अनुमति के मरीज कोई दवा ना लें. डॉक्टर ने कहा कि मरीज अभी हॉस्पिटल में इलाज कराने से बच रहे हैं. किसी भी तरह की परेशानी होने पर लोग खुद ही अपनी मर्जी से दवा खा ले रहे हैं या मेडिकल स्टोर से दवा खरीद ले रहे है. ऐसे में मरीज की परेशानी बढ़ सकती है.

ऑक्सीजन सिलेंडर की अत्यधिक मांग

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वर्तमान में किसी भी तरह की परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. अपनी जांच पड़ताल करवानी चाहिए. जिससे मरीज को राहत मिल सके. उसकी बीमारी का सही आंकलन हो सके. डॉक्टर ने कहा कि हजारों केस ऐसे हैं जिनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आई है, लेकिन फेफड़ों में संक्रमण मिला है. ऐसे में वो लोग बाद में जांच पड़ताल में पॉजिटिव मिल रहे हैं. इसलिए लोगों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है. क्योंकि थोड़ी भी परेशानी मरीज के लिए जानलेवा हो सकती है. फेफड़े का इन्फेक्शन मरीज के शरीर में बड़ी तेजी से से फैलता है. ऐसे में शुरुआत नहीं इन्फेक्शन रोकना आवश्यक होता है.

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