अलवर: प्रदेश में जयपुर के बाद सबसे बड़ा जिला अलवर है. वन भी इसकी पहचान हैं. इस पहचान को पुख्ता करने के लिए वन विभाग ने पौधारोपण किया और प्रदेश सरकार की घर-घर औषधीय कार्यक्रम को अपनाने का संकल्प दिखाया. वन विभाग की तरफ से साढ़े चार लाख पौधे लगाए गए. इसके तहत 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और 10 प्रतिशत काम बाकी है. वहीं, घर घर औषधीय कार्यक्रम को विभाग जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश में जुटा है, लेकिन इस राह में अड़चन आ रही है. कारण है गमले!
अलवर में सरिस्का बाघ रिजर्व और बाला किला बफर जोन हैं. जिले के 1200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में जंगल फैला हुआ है. विगत कुछ वर्षों में पौधों की कटाई खूब हुई. इसी को देखते हुए वन विभाग ने पौधारोपण की मुहिम को धार दी. लोगों को जागरूक भी किया. एक लक्ष्य रखा गया! इस साल वन विभाग की तरफ से अलवर जिले में 4 लाख 53 हजार पौधे लगाने का. अलवर के 27 इलाकों को चुना गया और पौधों को रोपा गया. नतीजा ये है कि अब तक जिले में चार लाख 43 हजार पौधे लगा दिए गए हैं. वन विभाग की तरफ से पौधों की मॉनिटरिंग भी हो रही है.