अलवर.अलवर नगर परिषद राजनीति का अड्डा बन चुकी है. नगर परिषद के उपसभापति घनश्याम गुर्जर के द्वारा स्वयं ही सभापति की कुर्सी पर बैठने (Deputy Chairman sit on Chairman chair in Alwar) के बाद पूर्व सभापति मुकेश सारवान और उपसभापति देवेंद्र कौर के नेतृत्व में कांग्रेसी पार्षदों ने नगर परिषद में विरोध करते हुए धरना दिया.
पूर्व सभापति और उपसभापति का कहना है कि बिना किसी अधिकारी की मौजूदगी में बलपूर्वक इस तरह सभापति की कुर्सी पर बैठना न्याय विरुद्ध है. वे गुर्जर के खिलाफ पुलिस में मामला भी दर्ज कराएंगे. साथ ही जब तक प्रशासनिक अधिकारी यहां नहीं आते, तब तक धरने से नहीं उठेंगे.
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उपसभापति देवेंद्र कौर का कहना है कि अगर नियमों के तहत वे सभापति की कुर्सी पर बैठ सकते हैं, तो वो नियम दिखाएं. उसके बाद ही धरना समाप्त करेंगे. उन्होंने कहा कि उपसभापति गुर्जर के पास सभापति सीट पर बैठने का किसी भी तरह का कोई भी आदेश नहीं है. इसलिए कांग्रेसी पार्षदों ने एकजुट होकर उनके खिलाफ नगर परिषद में धरना शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि जब तक मौके पर कोई प्रशासनिक अधिकारी नहीं आएगा. तब तक नगर परिषद में धरना जारी रहेगा.
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अलवर नगर परिषद में सभापति का विवाद लंबे समय से चल रहा है. सभापति रही बिना गुप्ता को एसीबी ने रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था. उसके बाद सरकार ने मुकेश सांगवान को सभापति नियुक्त किया. उपसभापति देवेंद्र कौर को बनाया. उपसभापति घनश्याम गुर्जर को चुनाव के दौरान जानकारी छुपाने का आरोप लगाते हुए उनके पद से हटा दिया था. इस मामले में घनश्याम गुर्जर न्यायालय में गए.
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न्यायालय ने तुरंत आदेश पर रोक लगाते हुए घनश्याम गुर्जर को फिर से उनके पद पर नियुक्त करने के आदेश दिए. लेकिन उच्च अधिकारियों ने गुर्जर को उपसभापति नियुक्त नहीं किया. इसी बीच गुर्जर अपने कार्यकर्ताओं के साथ नगर परिषद पहुंचे व उपसभापति की कुर्सी पर बैठ गए. सभापति की कुर्सी खाली थी. ऐसे में उपसभापति ही सभापति होता है.