अलवर.अलवर मंडी प्याज के लिए नासिक के बाद देश में दूसरी सबसे बड़ी मंडी है. अलवर की प्याज देश के अलावा विदेशों में सप्लाई होती है. बीते साल किसानों को प्याज के बेहतर दाम मिले थे. रिटेल बाजार में 100 किलो तक की प्याज बिकी थी. वहीं इस बार किसानों को प्याज से खासी उम्मीदें थी. इसलिए अलवर में बीते साल की तुलना में ज्यादा प्याज की बुवाई हुई. ऐसे में किसानों की उम्मीदें पूरी होती नजर आ रही है.
बता दें कि दिवाली बाद अलवर की मंडी में प्याज की आवक शुरू हो चुकी है. इन दिनों प्रतिदिन 40 से 50 हजार कटे प्याज की आवाज अलवर मंडी में हो रही है. मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश सहित देश की विभिन्न राज्यों की प्याज खराब हो चुकी है. ऐसे में अलवर के प्याजों की बाजार में मांग बढ़ गई है.
दरअसल इस बार खासी बारिश हुई. जिसके कारण प्याज पूरी तरह से समाप्त हो गई. इसलिए पूरे देश की निगाहें अलवर की प्याज पर टिकी हुई है. दिवाली के बाद से अलवर मंडी में प्याज की आवक शुरू हो चुकी है. इस साल किसानों ने देरी से प्याज की बुवाई की थी. इसलिए दिसंबर व जनवरी माह में भी प्याज की आवक होगी. थोक मार्केट में प्याज 50 से 60 रुपए किलो के हिसाब से बिक रही है. जबकि रिटेल बाजार में प्याज के दाम 80 से 100 रुपए किलो हैं.
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किसानों को हो रहा लाभ
ऐसे में प्याज अलवर के किसानों के लिए खुशहाली बनकर आई है. एक बीघा प्याज की बुवाई में 40 से 45 हजार रुपए खर्च होते हैं. जबकि एक बीघा की प्यास डेढ़ से दो लाख के हिसाब से मंडी में बिक रही है. अलवर मंडी में उत्तर भारत के 17 राज्यों से खरीददार पहुंच चुके हैं. जो लगातार डिमांड के हिसाब से प्याज की खरीद कर रहे हैं. आगामी दिनों में प्याज की आवक और बढ़ सकती है, प्याज के लगातार बढ़ रहे दाम का सीधा फायदा किसान को मिल रहा है.