राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

सरिस्का मार्ग से होकर गुजरने वाली अलवर-जयपुर सड़क की हालत खस्ताहाल, मरम्मत कराने की उठी मांग

सरिस्का मार्ग से होकर गुजरने वाले अलवर-जयपुर मार्ग को ठीक कराने की मांग फिर से उठने लगी है. इस सड़क पर मरम्मत कार्य नहीं होने के कारण बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं. बारिश के दिनों में इन गड्ढो में पानी भर जाता है जिससे सड़क हादसों की भी आशंका बनी रहती है.

alwar news, अलवर की खबर
सड़क की हालत हुई खस्ताहाल

By

Published : Oct 31, 2020, 12:33 PM IST

अलवर.अलवर-जयपुर सड़क मार्ग सरिस्का के बीचों-बीच से होकर गुजरता है. सरिस्का क्षेत्र में यह मार्ग जगह-जगह से टूटा हुआ है. लोगों को आने-जाने में भी काफई दिक्कत होती है. ऐसे में इस मार्ग को ठीक कराने की मांग एक बार फिर से उठने लगी है.

सरिस्का से होकर गुजरने वाले अलवर-जयपुर मार्ग की मरम्मत की मांग

बानसूर विधायक शकुंतला रावत ने कहा कि अगर वन विभाग की अनुमति मिलती है तो, इस मार्ग को ठीक करा दिया जाएगा. इस क्षेत्र में वन्यजीवों को किसी भी तरह की दिक्कत ना हो इसके लिए सारिस्का प्रशासन की तरफ से जगह-जगह पर ब्रेकर बनाए गए हैं. साथ ही लंबे समय से सड़क मार्ग का मरम्मत कार्य नहीं होने के कारण सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं. ऐसे में लोगों को आने-जाने में खासी परेशानी होती है.

पढ़ेंः बीकानेर के PBM अस्पताल में देर रात बंद हुई ऑक्सीजन की सप्लाई, मरीजों की जान पर मंडराया खतरा

बारिश के दिनों में सड़क दोनों तरफ से टूट जाती है. बता दें कि लंबे समय से इस सड़क मार्ग को ठीक कराने की मांग उठ रही थी, लेकिन वन विभाग की अनुमति नहीं मिलने के कारण इस मार्ग को ठीक नहीं कराया जा सका. हालांकि अलवर से कुशलगढ़ तक मार्ग ठीक हो चुका है. कुशलगढ़ से विराटनगर तक मार्ग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है. ऐसे में एक बार फिर से इस मार्ग को ठीक कराने की मांग उठने लगी है.

पढ़ेंःसाहब! पैसों की लालच में बहन की शादी करवा रहे हैं, आप रुकवा लीजिए...

बानसूर विधायक शकुंतला रावत ने कहा इस संबंध में वन मंत्री से भी बातचीत हुई है, लेकिन वन विभाग के नियम अलग हैं. इसलिए अभी तक वन विभाग में सरिस्का की अनुमति नहीं मिली है. इस मार्ग के ठीक होने के बाद जयपुर आने जाने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, साथ ही सफर में भी कम समय लगेगा और सफर भी आरामदायक रहेगा.

पढ़ेंः कोटा: ऑयल मील में लगी भीषण आग, 5 घंटों की मशक्कत के बाद पाया गया काबू

वर्तमान में लोगों को काफी दिक्कत होती है. दो से ढाई घंटे का सफर 4 घंटे में पूरा होता है इसके अलावा आए दिन सड़क हादसे होने की भी संभावना रहती है. ऐसे में देखना होगा कि वन विभाग की अनुमति मिलती है या यह सड़क मार्ग आगे भी टूटा हुआ रहता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details