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SPECIAL: कोरोना के चलते कम हुई शराब की डिमांड, आबकारी विभाग को हुआ करोड़ों का नुकसान

कोरोना महामारी का आम जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ा है. इससे हर क्षेत्र को नुकसान हुआ है. ऐसे में अबकारी विभाग भी इससे अछूता नहीं है. कोरोना की वजह से लोगों ने शराब की खरीदारी कम कर दी है, जिससे आबकारी विभाग को करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ रहा है. देखें पूरी रिपोर्ट...

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आबकारी विभाग को हो रहा करोड़ों का नुकसान

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Published : Nov 30, 2020, 8:15 PM IST

अलवर.कोरोना से आम आदमी बहुत परेशान हुआ तो वहीं सरकारी विभाग भी इससे अछूते नहीं रहे हैं. कोरोना में शरीर की इम्युनिटी पावर बढ़ाने के लिए लोग हरी सब्जी, फल और पौष्टिक आहार पर फोकस कर रहे हैं. इस तरह के खाद्य पदार्थ की डिमांड बढ़ी है. दूसरी तरफ शराब की डिमांड कम हुई है. ऐसे में आबकारी विभाग को करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ा है. सरकार को मिलने वाले राजस्व में भी कमी आई है. साथ ही लाइसेंस धारी लोगों को इस साल खर्चा निकालने में भी कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

आबकारी विभाग को हो रहा करोड़ों का नुकसान

अलवर आबकारी विभाग राजस्थान में अन्य जिलों की तुलना में ज्यादा राजस्व देता है. जिले में कुल 293 शराब की दुकानें हैं. इनमें 29 अंग्रेजी 252 देसी दुकान हैं. इसके अलावा 50 होटल रेस्टोरेंट और क्लब बार के लाइसेंस आबकारी विभाग की तरफ से दिए गए हैं. हालांकि कोरोना काल में केवल 34 दिन लाइसेंस रिन्यू करवाया है. 16 लोगों ने अपना लाइसेंस रिन्यू नहीं करवाया है. इस बार आबकारी विभाग को 850 करोड़ का राजस्व जमा करके सरकार को देना है. इसमें अब तक केवल 37 प्रतिशत राजस्व की प्राप्ति हुई है.

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बीते साल अक्टूबर माह तक आबकारी विभाग को 329 करोड़ के राजस्व की आय हुई थी. इस बार अक्टूबर माह तक केवल 313 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति हुई है जबकि टारगेट के मुताबिक आबकारी विभाग को 329 करोड़ से ज्यादा आय होने की उम्मीद थी. आबकारी विभाग के अधिकारियों की मानें तो कोरोना काल के दौरान सामाजिक कार्यक्रम बंद रहे. वहीं लोगों ने शराब से दूरी बना ली. हालांकि सरकार की तरफ से शराब की दुकानों को खोल दिया गया था, लेकिन उसके बाद भी सरकार को खासा नुकसान हुआ है.

आबकारी विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वैसे कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का उपयोग करना आवश्यक है. इन सब के बीच लोग शराब कम पी रहे हैं. इससे लोगों का स्वास्थ्य बेहतर होगा, लेकिन इसका नुकसान आबकारी विभाग और सरकार को उठाना पड़ रहा है. सरकार की तरफ से कोरोना काल के दौरान शराब के ठेकों को खोल दिया गया था. इसके अलावा शराब से राजस्व को खासा फायदा होता है. इसलिए लगातार सरकार की तरफ से शराब के ठेके पर बाहर को खोला जा रहा है. इसके अलावा बार के लाइसेंस फीस में भी खासी कमी की गई है, जिससे लोग बार का लाइसेंस ले सकें और सरकार को राजस्व मिले. शादियों के सीजन में लोग अपने घरों और होटल के लिए भी एक दिन का लाइसेंस ले सकते हैं. आबकारी विभाग की तरफ से लगातार लोगों को सूचनाएं दी जा रही हैं. इन दिनों बाजार बंद है, बाजार के समय में बदलाव किया गया, लेकिन इन सबके बीच शराब की दुकान लगातार खुल रही हैं.

शादियों के सीजन में शराब की रहती है डिमांड

त्यौहार के साथ शादियों के सीजन में शराब की खासी डिमांड रहती है. ऐसे में आबकारी विभाग को आगामी दिनों में शराब की डिमांड बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि सर्दियों में शराब की डिमांड वैसे भी बढ़ जाती है.

नहीं निकल रहा खर्चा

शराब की दुकान चलाने वाले लोगों को कोरोना के चलते खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उनका प्रतिदिन का खर्चा नहीं निकल रहा है. इसके अलावा लाइसेंस फीस, दुकान का किराया सहित अन्य खर्चे भी वहन करने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

बार संचालकों ने नहीं करवाया लाइसेंस रिन्यू

अलवर में 16 बार संचालकों ने अभी तक अपना लाइसेंस रिन्यू नहीं करवाया है, क्योंकि सरकार की तरफ से लाइसेंस की फीस पहले ज्यादा थी. हालांकि सरकार ने फीस को कम कर दिया है, उसके बाद भी लोग कोरोना से डरे हुए हैं. कोरोना के चलते खासा नुकसान हो रहा है. शराब की डिमांड कम हो रही है, इसलिए लोग अपना लाइसेंस रिन्यू नहीं करवा रहे हैं.

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