अलवर.वरिष्ठ न्यायाधीश पोक्सो अधिनियम संख्या तीन ने घर में घुसकर 7-7 साल की दो नाबालिग बालिकाओं से ज्यादती करने के मामले में आरोपी को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही, 10 हजार 500 रुपए के जुर्माने से दंडित किया है.
दो नाबालिग बालिकाओं से ज्यादती करने के मामले में आरोपी को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है... जानकारी के अनुसार, 3 अप्रैल 2019 को एक परिवार के लोग खेत में गेहूं काटने गए थे. घर पर परिवादी व उसके भाई की नाबालिग पुत्री अकेली थी. इसी दौरान दोपहर 2 बजे रणधीर नाम का व्यक्ति मौका पाकर उसके घर में घुसा और बच्चों के साथ छेड़छाड़ की. इस मामले में बालिकाओं के परिजनों ने न्यायालय में परिवाद पेश किया. जिसके बाद मामले में एफआईआर दर्ज हुई. पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की. इस मामले में पुलिस के अनुसंधान में रणबीर को दोषी पाया गया. पुलिस ने रणबीर को तुरंत गिरफ्तार किया. उसके खिलाफ अदालत में चालान पेश किया गया.
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इस मामले में करीब 2 साल तक न्यायालय में सुनवाई चली. पीड़ित और बचाव पक्ष की तरफ से लगातार दलील पेश की गई. जिसके बाद अदालत ने रणबीर को परिवादी के घर में घुसकर बालिकाओं के साथ ज्यादती करने का दोषी पाया. इस पर विशिष्ट न्यायालय पोक्सो अधिनियम संख्या 3 के न्यायाधीश सोहनलाल शर्मा ने घर में घुसकर 7-7 साल की दो नाबालिग बालिकाओं के साथ ज्यादती करने के मामले में खेड़ली थाना क्षेत्र निवासी रणधीर को 20 वर्ष के कठोर कारावास व 10 हजार 500 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है.
विशिष्ट लोक अभियोजन राजकुमार गंगावत ने बताया लगातार इस मामले में सुनवाई चल रही थी. न्यायालय ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जल्द इस मामले की सुनवाई की व आरोपी को सजा सुनाई. अधिवक्ता ने बताया कि इस तरह के मामलों से समाज में संदेश जाता है. लगातार घटनाएं बढ़ रही हैं, बच्चियां घर में सुरक्षित नहीं है. ऐसे में लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है. सावधानी बरतें व किसी अनजान पर भरोसा ना करें.