अलवर.नगर परिषद में हंगामे का सिलसिला (Uproar in the Alwar Municipal Council) लगातार जारी है. सभापति बीना गुप्ता के भ्रष्टाचार में लिप्त मामले के बाद नगर परिषद के वरिष्ठ पार्षद और मंत्री के करीबी नरेंद्र मीणा को एसीबी ने पांच लाख से ज्यादा की रिश्वत लेते हुए पकड़ा. इसी दौरान सरकार की ओर से नियुक्त सभापति का कार्यकाल भी पूरा हो चुका है. अभी तक कार्यकाल बढ़ने के कोई आदेश नहीं आए हैं. इसी बीच मंगलवार को पार्षद घनश्याम गुर्जर उपसभापति की कुर्सी पर जाकर बैठ गए. इस दौरान शहर विधायक संजय शर्मा और भाजपा के नेता मौजूद रहे.
घनश्याम गुर्जर ने कहा न्यायालय के आदेश पर उन्होंने ऐसा किया है. अलवर नगर परिषद में उपसभापति के पद पर कार्यरत घनश्याम गुर्जर को सरकार ने बर्खास्त किया था. सरकार ने कहा कि घनश्याम गुर्जर ने नामांकन के दौरान कुछ जानकारियां छुपाई थी. उस मामले की सरकार ने प्रशासनिक जांच करवाई. जिसमें घनश्याम गुर्जर को दोषी बताते हुए निष्कासित किया गया. इस पर घनश्याम गुर्जर न्यायालय में गए. न्यायालय ने घनश्याम गुर्जर के पक्ष में फैसला दिया. लेकिन उससे पहले सरकार की तरफ से अलवर नगर परिषद में सभापति और उपसभापति नियुक्त कर दी गई थी.
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