अलवर.अलवर नगर परिषद भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुकी है. एसीबी (ACB Action In Alwar) ने प्रदेश सरकार में मंत्री के करीबी पार्षद नरेंद्र मीणा को पांच लाख 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था. इस मामले में एसीबी ने नरेंद्र मीणा के लिए पैसों का कलेक्शन करने वाले दो ठेकेदारों को भी गिरफ्तार किया है. पूछताछ और जांच-पड़ताल के बाद अब खुलासे होने लगे है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने नगर परिषद कमिश्नर को तुरंत प्रभाव से एपीओ (Government Did APO To Alwar Municipal Council Commissioner) कर दिया है. इस मामले में जल्द ही कुछ अन्य अधिकारी और कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है. नवनियुक्त सभापति पर भी सवाल उठने लगे हैं. क्योंकि सभापति पार्षद नरेंद्र मीणा इशारे पर काम कर रहे थे.
कोर्ट ने 21 फरवरी तक भेजा रिमांड पर :नरेंद्र मीणा और दोनों ठेकेदारों को एसीबी की टीम ने आज अलवर की विशेष न्यायालय में पेश (Alwar Crime News) किया. जहां एसीबी न्यायालय ने तीनों आरोपियों को 21 फरवरी तक रिमांड पर भेज दिया है. एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि 21 फरवरी को वापस तीनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया जाएगा. जांच पड़ताल में कई अहम जानकारियां मिली है. एसीबी की टीम ने दोनों ठेकेदारों और नरेंद्र मीणा के घर पर सर्च किया है. इन के बैंक खाते फोन लैपटॉप और अन्य चीजों की भी जांच पड़ताल की गई है.
बता दें, प्रदेश सरकार में मंत्री टीकाराम जूली के करीबी पार्षद नरेंद्र मीणा को एसीबी की टीम ने पांच लाख 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. नरेंद्र मीणा नगर परिषद में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं. नरेंद्र मीणा मंत्री टीकाराम जूली एक ही सोसाइटी में रहते हैं. मंत्री का कामकाज और चुनाव की प्रक्रिया में सारा काम पार्षद नरेंद्र मीणा ने संभाला था. ऐसे में मंत्री पर भी सवाल उठने लगे हैं.