अलवर.प्रदेश के अलवर शहरसहित देशभर में मार्च महीने से मांगलिक कार्यों पर रोक लगी हुई है. ऐसे में होटल, मैरिज गार्डन, बैंक्वेट हॉल, लॉन सहित सभी जगह बंद हैं, लेकिन उसके बाद भी सरकार लगातार हर महीने टैक्स वसूल रही है. ऐसे में परेशान लोगों ने कहा कि अगर यही हालात रहे तो लोग आत्महत्या करने को मजबूर रहेंगे. ऐसे में सरकार अगर मदद नहीं कर सकती तो उनकी परेशानी टैक्स वसूल के ना बढ़ाएं, क्योंकि काम-धंधे बंद होने के कारण लोगों के पास घर चलाने के लिए पैसे नहीं बचे हैं.
अकेले अलवर शहर में 80 से अधिक मैरिज गार्डन हैं, जबकि पूरे जिले में 400 से 500 मैरिज होम हैं. जो कोरोना के चलते पूरी तरह से बंद हैं. अलवर सहित पूरे प्रदेश में 50,000 से अधिक ऐसे लोग हैं, जो होटल, टेंट, लाइट, डेकोरेशन, इवेंट, डीजे सहित अन्य शादी और उससे जुड़े हुए कार्यों में लगे हुए हैं. इन लोगों से जुड़े हुए करीब पांच लाख लोग हैं. जो पूरी तरह से बेरोजगार हो चुके हैं. मार्च से अब तक कामकाज पूरी तरीके से ठप है. उसके बाद भी सरकार इस व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों से टैक्स वसूल रही है.
काम बंद, टैक्स चालू...
मैरिज होम होटल में विभिन्न व्यवसाय के व्यापारियों ने कहा कि आए दिन सरकारी विभाग की तरफ से उनको नोटिस मिलता है. वहीं काम बंद होने के बाद भी टैक्स देना पड़ रहा है. नगर परिषद से साफ-सफाई और कार्यक्रम स्थल का टैक्स, पॉल्यूशन विभाग से परमिशन लेनी पड़ती है. उसका टैक्स देना पड़ता है. अग्निशमन विभाग से फायर की एनओसी लेनी पड़ती है. उसको टैक्स देना पड़ता है. इसके अलावा बिजली की दोहरी मार व्यवसायियों पर पड़ रही है.