अलवर.शहर में कोरोना की हालत किस कदर खराब है. इसका एक जीता जागता उदाहरण देखने को मिला. कोरोना संक्रमित 44 साल के बेटे की मौत के 85 घंटे के बाद ही उसके संक्रमित पिता ने भी अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल के आईसीयू में दम तोड़ दिया. पिता की हालत भी कई दिनों से गंभीर बनी हुई थी. उनके फेफड़े 90 प्रतिशत खराब हो गए थे. परिवार में मृतक की पत्नी की भी हालत खराब है.
अलवर के काला कुआं निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक निरंजन लाल पुत्र हीरालाल शर्मा कोरोना संक्रमित होने के बाद 12 अप्रैल को सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसकी पहले ही दिन हालत गंभीर हो गई थी. इलाज के लिए आईसीयू में भर्ती किया गया. सोमवार शाम को 5 बजकर 10 पर उसकी मौत हो गई. इलाज करने वाले डॉक्टर ने कहा कि इससे पहले इसके 44 वर्षीय पुत्र आलोक शर्मा ने भी दम तोड़ दिया था. उसे इलाज के लिए भर्ती कराया गया और दूसरे ही दिन उसकी मौत हो गई थी. आलोक की 15 अप्रैल को रात को गंभीर हालत हुई, उसे वेंटिलेटर पर लिया गया. इस दौरान उसने दम तोड़ दिया.
आलोक के फेफड़े फाइब्रोसिस से 90 से 95 प्रतिशत खराब हो गए थे. आलोक की मां भी सामान्य अस्पताल में भर्ती है. उसकी हालत गंभीर बनी हुई है. उसके फेफड़े भी 90 प्रतिशत खराब हो चुके हैं. ऐसे में साफ है की कोरोना के हालात किस कदर खराब हैं. एक ही परिवार के 2 लोगों की जान जा चुकी है और तीसरे की स्थिति गंभीर है. इस तरह के हालात अकेले इसी परिवार के नहीं हैं.