अलवर. शादी, नवरात्री, रमजान, दिवाली सहित त्योहारों का सीजन आते ही कपड़े की डिमांड बढ़ने लगती है. महज कुछ ही दिनों में करोड़ों रुपए का कारोबार होता हैं. कोरोना के चलते 4 महीने का समय निकल चुका है. कपड़ा व्यापारी होली के साथ ही अप्रैल में आने वाले रमजान के त्योहार को देखते हुए कपड़ों का बड़ा स्टॉक अपने पास मंगवा लेते हैं. उसके बाद से लगातार शादी के सीजन में कपड़े की डिमांड रहती है, लेकिन इस बार कोरोना के चलते पूरा कामकाज ठप हो गया है.
दूसरी तरफ फैशन डिजाइन के क्षेत्र से जुड़े हुए लोग भी खासे प्रभावित हो रहे हैं. कोरोना के संक्रमण के चलते व्यवसाय के तरीकों में भी बदलाव हुआ है. अब लोग ऑनलाइन का सहारा ज्यादा ले रहे हैं. मार्केट की हालात पर बात करने के लिए फैशन डिजाइनर और व्यापारी राखी नरूला ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा वैसे तो लॉकडाउन और कोरोना का सभी पर प्रभाव पड़ा है, लेकिन ऐसे में अब इन हालातों को समझते हुए काम करने से जीने की आवश्यकता है. सरकार और अन्य किसी को कोसने की जगह जो हालात हैं, उसके हिसाब से ढलते हुए आगे की संभावनाओं पर काम करना चाहिए. इतना ही नहीं अपनी सोच में भी लोगों को थोड़ी बदलाव करने की आवश्यकता है.
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उन्होंने कहा लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए व्यवसाय के तरीकों में भी बदलाव हुआ है. अब लोग टाइम लेकर आते हैं. साथ ही लोगों को फोटो और वीडियो बनाकर फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिए भेजी जाती है. वीडियो कॉलिंग के माध्यम से कस्टमर से बात की जा रही है. वहीं वीडियो के माध्यम से उसकी डिमांड पूरी की जा रही है. शादी पार्टियां कम होने के कारण डिमांड में खासी कमी आई है. जो शादियां होनी थी वो कोरोना के चलते कैंसिल हो चुकी हैं. ऐसे में कहीं ना कहीं कपड़ा और फैशन इंडस्ट्री पर खासा प्रभावित हुई है.
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