अलवर.जिले में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. उसके बाद भी लोग लापरवाही बरत रहे हैं. यही हालात रहे तो वो दिन दूर नहीं जब राजस्थान में भी महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश जैसे हालात हो जाएंगे. वहां के श्मशान घाटाें से आ रही डरावनी तस्वीरों को देखकर अलवर के लोगों को चेतना होगा। स्वास्थ्य विभाग के नियमों की पालना नहीं की तो यहां भी हालात बिगड़ सकते हैं. कोरोना की पहली लहर की तुलना में 10 प्रतिशत ज्यादा मरीज सामने आने लगे हैं.
अब जिले में कोरोना के मरीजों के आने का अनुपात बढ़कर 15 प्रतिशत पहुंच गया है, जो पिछली लहर की तुलना में काफी ज्यादा है. एक अप्रैल के आसपास कोरोना संक्रमित का अनुपात महज एक प्रतिशत था, जो 15 दिनों में बढ़कर करीब 15 प्रतिशत हो गया है. रोजाना करीब 4 हजार सैंपल लिए जाते हैं, जिसमें 10 से 15 प्रतिशत कोरोना पॉजिटिव आने लगे हैं.
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जिले में ऑक्सीजन युक्त केवल 745 बेड हैं. इसमें से 206 फुल हैं. एक अप्रैल के आसपास एक या दो ऑक्सीजन बेड पर ही मरीज भर्ती थे. यही नहीं जिले में 52 वेंटिलेटर हैं. इनमें से 15 पर मरीज भर्ती हैं. एक अप्रैल को एक भी मरीज वेंटिलेटर पर नहीं था. आइसीयू में 57 मरीज भर्ती हैं. एक अप्रैल को आइसीयू में भी मरीज नहीं थे. अब दूसरी लहर में एक परिवार में पॉजिटिव आने के बाद उसके परिवार से 10 से 15 सम्पर्क वाले लोग पॉजिटिव आ रहे हैं. सरकारी व निजी अस्पतालों में पहले 150 सिलेण्डर प्रतिदिन ऑक्सीजन की खपत थी, जो अब बढ़कर 450 से 500 हो गई है. जिले में एक ही ऑक्सीजन का प्लांट है जिससे प्रदेश में भी सप्लाई होती है.
मंगलवार को बंद रहेंगे बाजार
दो दिन बंद रहने के बाद सोमवार को अलवर के बाजार खुलेंगे, लेकिन इसके अगले दिन मंगलवार को वापस बंद रहेंगे. जिला प्रशासन की ओर से सप्ताह में मंगलवार के दिन बाजार बंद रखने की पहले से घोषणा है. हालांकि व्यापारी मंगलवार को बाजार खुलवाने की मांग कर रहे हैं लेकिन, प्रशासन ने रविवार दोपहर तक कोई निर्णय नहीं लिया था.