अलवर.शहर के मालवीय नगर स्थित सी-ब्लॉक में गुरुवार को सरस कॉलोनी के पीछे रहने वाले बाल्मीकि समाज के लोग एक व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद दाह संस्कार करने पहुंचे. लेकिन स्थानीय कॉलोनी वासियों द्वारा इस जमीन को यूआईटी के ले-आउट में बताते हुए दाह संस्कार का विरोध किया. इस दौरान सूचना पर आरपीएस प्रशिक्षु योगेश कुमार मौके पर पहुंचे. जहां अरावली विहार थाना पुलिस सूचना पर पहले ही मौके पर पहुंच चुकी थी. तभी मृतक के परिजन शव को लेकर मालवीय नगर पहुंच चुके थे, जिसे देखकर स्थानीय महिला पुरुषों ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाई.
स्थानीय व्यक्ति मनीष शर्मा का कहना था कि नगर विकास न्यास के ले-आउट में इस भूमि पर प्लॉटिंग की गई है. ऐसे में यह श्मशान की भूमि नहीं होने के बावजूद यहां दाह संस्कार कराया जा रहा है. ऐसे में उनके द्वारा न्यायालय में भी स्टे लिया जा चुका है. लेकिन अधिकारियों की मौजूदगी में यहां दाह संस्कार करवाया गया है. जबकि यहां पार्क विकसित किया जाना चाहिए था.
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वहीं दूसरे पक्ष के ओम प्रकाश का कहना था कि यह भूमि भूगोर पंचायत समिति के गैर मुमकिन श्मशान भूमि है, जिसमें स्थानीय लोग जबरन एतराज कर रहे हैं. स्थानीय लोगों द्वारा यहा दाह संस्कार करने का विरोध किया जाता है. इससे पूर्व में भी वर्ष 2016 में इन लोगों द्वारा विरोध किया गया था, जिसके बाद प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर दाह संस्कार करवाया था. ऐसे में उनकी मांग है कि प्रशासन इसे श्मशान भूमि होने के कारण चारदीवारी कर स्थाई श्मशान घाट के रूप में इसका निर्माण कराया जाए. क्योंकि इस भूमि पर 100 साल से दाह संस्कार होते आ रहे हैं.