अलवर.अलवर सहित एनसीआर में तेजी से बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने एनसीआर में औधोगिक और अन्य कार्यों में कोयले के इस्तेमाल पर रोक लगाने के निर्देश दिए (Coal ban in NCR) हैं. सीएक्यूएम ने आदेश में कहा है कि जिन क्षेत्रों में पीएनजी की सप्लाई हो रही है, वहां 1 अक्टूबर से कोयले पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. जहां पीएनजी की उपलब्धता नहीं है, उन क्षेत्रों में 1 जनवरी, 2023 से यह आदेश लागू होगा. इस तरह पूरे एनसीआर क्षेत्र में अगले वर्ष से कोयले के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. हालांकि थर्मल पावर प्लांटों में कम सल्फर वाले कोयले के इस्तेमाल पर प्रतिबंध से छूट दी गई है.
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने कहा कि एनसीआर में शामिल 6 औधोगिक जिलों में कोयले की अधिक खपत है. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि एनसीआर में औद्योगिक इकाइयों में सालाना 17 लाख टन कोयले का उपयोग किया जाता है. जिनमें गुरुग्राम, अलवर, भिवाड़ी, फरीदाबाद, सोनीपत, पानीपत और गाजियाबाद जिलों में 14 लाख टन कोयले की खपत होती (Coal use in NCR area) है. इनमें भी कोयले का अधिकतर उपयोग लघु उद्योगों में हो रहा है. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के पैनल ने पूर्व में वायु गुणवत्ता को नियंत्रित करने के लिए आमजन और विशेषज्ञों से सुझाव मांगे थे. पैनल को अधिकतर सुझाव कोयले के प्रतिबंध को लेकर मिले थे. जिसके बाद आयोग ने यह फैसला लिया.
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