अलवर. अलवर सहित एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए केन्द्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन (CAQM) ने बड़ा फैसला लेते हुए 12 तरह के ईंधन के इस्तेमाल की मंजूरी दी है. एनसीआर में शामिल अलवर और भिवाड़ी में ये आदेश 1 जनवरी 2023 से लागू होगा. प्रदूषण विभाग के अधिकारियों ने कहा कि जिन जगहाें पर पीएनजी उपलब्ध नहीं है, वहां 1 अक्टूबर से 12 ईंधनों के इस्तेमाल की अनुमति होगी. जहां पीएनजी की सुविधा है, वहां जनवरी 2023 से ये आदेश लागू होगा.
र्निधारित ईंधनों के अलावा किसी अन्य ईंधन के इस्तेमाल के लिए प्रदूषण विभाग से अनुमति लेनी (12 types of fuel for Alwar NCR) होगी. सीएक्यूएम के अधिकारियों ने कहा कि इन आदेशों को सख्ती से पालन कराया जाएगा. हालांकि इस बदलाव का असर आम आदमी से लेकर कारोबारियों पर पड़ेगा. सीएक्यूएम ने इसी माह एनसीआर में कोयले के इस्तेमाल पर 1 अक्टूबर से रोक के आदेश जारी किए थे. इसके अलावा एनसीआर में पेट्रोल-डीजल के उपयोग के लिए बीएस-6 मानक होना जरूरी है.
अलवर NCR में 12 तरह के ईंधन के इस्तेमाल की अनुमति पेट्रोल और डीजल का इस्तेमाल 10 पीपीएम सल्फर के साथ वाहनों में कर सकते हैं. इसके साथ ही एक्यूएम ने तंदूर और ग्रिल के लिए लकड़ी के इस्तेमाल की अनुमति दी है. इसके अलावा पावर प्लांट, सीमेंट प्लांट, वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में रिफ्यूज डिराइव्ड फ्यूल की अनुमति दी गई है. धार्मिक अनुष्ठानों के लिए बायोमास ब्रिकेट्स की अनुमति है, जो कि जैव ईंधन की श्रेणी में आता है.
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इन ईंधनों के इस्तेमाल की अनुमति:पेट्रोल, डीजल का इस्तेमाल वाहनों के ईंधन के तौर पर, हाइड्रोजन और मीथेन का वाहन और औधोगिक ईंधन के लिए, सीएनजी, पीएनजी और एलएलजी का वाहन, उद्योगों और घरेलू इस्तेमाल के लिए, बिजली का वाहन, व्यावसायिक, उद्योग और घरेलू इस्तेमाल के लिए, जेट फ्यूल, वायो फ्यूल (बायो गैस, बायो सीएनजी, बायो डीजल ) का उद्योग, वाहन एवं घरेलू इस्तेमाल, लकड़ी का कोयला कपड़े में प्रेस करने के लिए और शवदाह गृहों में बिजली, सीएनजी, लकड़ी या बायोमास बिक्रेट का इस्तेमाल हो सकेगा. आरडीएफ का ऊर्जा संयंत्र, सीमेंट प्लांट में, फायरवुड का धार्मिक कार्यों के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति होगी.