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अलवर मंडी में कपास और बाजरे की हो रही बंपर आवक

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Published : Dec 3, 2020, 8:45 PM IST

अलवर मंडी देश की बड़ी मंडियों में शामिल है. साल भर मंडी में फसल की आवक होती है. इस समय अलवर मंडी में बाजरे और कपास की आवक हो रही है. बाजरा मुर्गी दाने में काम आता है, जबकि कपास की डिमांड औद्योगिक इकाइयों में रहती है.

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अलवर मंडी

अलवर. राजस्थान की अलवर मंडी देश की बड़ी मंडियों में शामिल है. सरसों के लिए अलवर मंडी पूरे देश में विशेष स्थान रखती है. अलवर क्षेत्र में सरसों की सबसे ज्यादा पैदावार होती है. इसलिए अलवर व आसपास के क्षेत्र में 20 से अधिक तेल की मील है. देश का 70 प्रतिशत तेल अलवर से सप्लाई होता है. इसलिए देश भर के व्यापारी सरसों के तेल के लिए अलवर आते हैं.

अलवर मंडी

मंडी में मौसम के हिसाब से इस समय कपास बाजरे की आवक हो रही है. मंडी में कपास 4500 रुपए से 5300 रुपए तक बिक रही है. इसी तरह से बाजरा 1300 से सवा तेरह सौ रुपए के हिसाब से बिक रहा है. बाजरे की डिमांड उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान सहित विभिन्न राज्यों में है. मुर्गी दाने तथा विभिन्न कार्यों के लिए बाजरे की डिमांड रहती है.

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इसके अलावा ग्वार 3500 से 3700 के हिसाब से बिक रहा है, जबकि सरसों 4900 के हिसाब से मंडी में बिक रही है. बता दें कि मंडी में लाखों-करोड़ों का प्रतिदिन कारोबार होता है. साल भर मंडी में पशुओं की आवक होती है. ढेंचा खेतों में काम आता है. जबकि ग्वार गम बनाने में काम आती है. व्यापारियों की मानें तो किसानों को इस समय बेहतर दाम मिल रहे हैं. अलवर से पूरे देश में फसल सप्लाई होती है. इसलिए अलवर मंडी विशेष स्थान रखती है. मंडी से सरसो, गेहूं व बाजरे की सप्लाई देशभर में होती है.

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