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SPECIAL: अलवर एनसीआर में अब CNG और LPG से चलेंगे बॉयलर, चिमनी... प्रदूषण स्तर में आएगी गिरावट

अलवर सहित एनसीआर में गैस को ईंधन के रूप में काम में लेने वाले उद्योगों को भी अब अनुमति मिलेगी. एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने लकड़ी और कोयला सहित अन्य ईंधन पर रोक लगा दी थी. इसके तहत अलवर जिले में काम शुरू हो चुका है. भिवाड़ी में कई औद्योगिक इकाइयों में गैस काम में आने लगी है. इससे प्रदूषण के स्तर में कमी आएगी. औद्योगिक इकाइयों में चिमनी और बॉयलर चलाने के लिए ईंधन काम में आता है.

अलवर एनसीआर, Alwar NCR news
अलवर एनसीआर में अब CNG और LPG गैस से चलेगी चिमनी और बॉयलर

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Published : Jan 14, 2021, 3:08 PM IST

अलवर.राजस्थान की औद्योगिक राजधानी है. अलवर जिले के 20 औद्योगिक क्षेत्रों में 15 हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयां हैं. इनमें पांच लाख से अधिक श्रमिक काम करते हैं. अलवर में भिवाड़ी, नीमराणा, खुशखेड़ा, टपूकड़ा, तिजारा, बहरोड़, शाहजहांपुर और अलवर का एमआईए उद्योगी क्षेत्र है. भिवाड़ी में ढाई सौ से अधिक औद्योगिक इकाइयां हैं जिनमें चिमनी और बॉयलर जलाने के लिए लकड़ी कोयला अन्य तरह के इंजन काम में आते हैं.

अलवर एनसीआर में अब CNG और LPG गैस से चलेगी चिमनी और बॉयलर

एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने अलवर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुड़गांव, फरीदाबाद, गाजियाबाद, मेरठ सहित सभी शहरों की औद्योगिक इकाइयों में कोयला लकड़ी का बुरादा सहित अन्य तरह के ईंधन पर रोक लगा दी है. एनसीआर की औद्योगिक इकाइयों में अब पीएनजी और एलपीजी गैस काम में ली जाएगी.

एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के स्तर होंगे कम

प्रदूषण में आएगी कमी

एनसीआर में लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. गुड़गांव, फरीदाबाद, नोएडा, दिल्ली में एक्यूआई का स्तर दिन के समय 300 यूजी के आस पास होता है. जबकि रात के समय प्रदूषण का हिस्सा 600 से 700 यूजी के आस पास पहुंच जाता है. हालांकि अलवर में अभी प्रदूषण कम है. अलवर की बात करें तो अलवर में एक्यूआई 150 से 200 है. जबकि भिवाड़ी में 300 से 400 के आस पास दर्ज किया जा रहा है. औद्योगिक इकाइयों में गैस के काम में लेने के बाद प्रदूषण के स्तर में कमी आने की संभावना है.

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गैस में कन्वर्ट करवाने में होता है खर्चा

औद्योगिक इकाइयों में गैस की चिमनी व बॉयलर में खर्चा ज्यादा आता है. इसलिए कारोबारी और व्यापारी खर्चे से बचने के लिए अभी तक बॉयलर और चिमनी में कोयला और लकड़ी का बुरादा, भूषण सहित अन्य चीजें काम में लेते हैं. इनमें खर्चा कम होता है. लेकिन इनसे वायु में प्रदूषण ज्यादा फैलता है. जिसके चलते लोगों को सांस लेने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

जिला उद्योग केंद्र

अलवर है औद्योगिक हब

अलवर राजस्थान की औद्योगिक राजधानी है. अलवर के 25 औद्योगिक क्षेत्रों में 15 हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयां हैं. जिनमें पांच लाख श्रमिक काम कर रहे हैं. सरकार की तरफ से अलवर के सभी विधानसभा क्षेत्र में नए औद्योगिक हब डेवलप करने का काम चल रहा है. प्रदेश की पहली टॉय सिटी अलवर में बनाई जा रही है. इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक हब सहित कई नए औद्योगिक क्षेत्र जल्द ही डिवेलप किए जाएंगे.

औद्योगिक कारखानों में चल रहा काम

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भिवाड़ी में आ चुकी है सीएनजी और पीएनजी

अलवर के भिवाड़ी तक सीएनजी और पीएनजी गैस पाइपलाइन आ चुकी है. ऐसे में वहां के उद्योगपतियों को थोड़ी राहत मिली है. अलवर में अभी तक सीएनजी और पीएनजी सप्लाई नहीं है. प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि जल्द ही अलवर तक भी सीएनजी व पीएनजी आएगी. इसके बाद यहां औद्योगिक इकाइयों में गैस काम में आ सकेगी.

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