अलवर.कोरोना काल में लगातार रक्त की कमी हो रही है. जिस कारण सरकारी ब्लड बैंको में भी सीमित मात्रा में रक्त की उपलब्धता है. ब्लड की कमी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लगातार आम जनता से रक्त डोनेट करने की मांग की जा रही थी. ऐसे में अलवर की संस्थाओं ने संयुक्त रूप से मिलकर एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया. युवाओं का कहना था कि 1 तारीख से 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी के वैक्सीन लगाई जाएगी यदि व्यक्ति लग जाती तो करीब 2 महीने तक रक्तदान नहीं कर पाते. इसलिए रक्त की कमी ना आए इसलिए रक्तदान किया गया है.
अलवर: वैक्सीन लगने के बाद युवा नहीं कर पाते रक्तदान, इसलिए वैक्सीन लगने से पहले ही किया रक्तदान - रक्तदान शिविर
अलवर की संस्थाओं ने संयुक्त रूप से मिलकर एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया. युवाओं का कहना था कि 1 तारीख से 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी के वैक्सीन लगाई जाएगी यदि व्यक्ति लग जाती तो करीब 2 महीने तक रक्तदान नहीं कर पाते. इसलिए रक्त की कमी ना आए इसलिए रक्तदान किया गया है.
अर्चना फाउंडेशन के सदस्य तारेश जोरवाल ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में लॉकडाउन के चलते लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो रहा है. इस बीच अस्पतालों में रक्त डोनेट करने वाले रक्त वीरों की कमी भी आ रही है. जिसके चलते अस्पताल में रक्त की कमी बनी हुई है. इसके अलावा वैक्सीन की पहली व दूसरी डोज लगने के 56 दिन तक रक्तदान करने की मनाही है. जिसके चलते आज अलवर के राजकीय सामान्य चिकित्सालय में आज शहर की कई समितियों ने संयुक्त रूप से रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया है. जिससे आने वाले समय में अलवर के किसी भी आम आदमी को रक्त की कमी ना हो.
वहीं रक्तदान करने कपिल शर्मा ने बताया कि शहर के ब्लड बैंकों में रक्त की कमी है. जिस कारण कई लोगों को अपने परिजनों की रक्त पूर्ति के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. इसी समस्या के चलते आज अलवर के सरकारी अस्पताल में रक्तदान करने आए हैं. इस रक्तदान शिविर में बहुत से युवाओं ने पहली बार रक्तदान किया है.