अलवर.भाजपा के संगठन प्रभारी विष्णु चेतानी का कहना है कि राजगढ़ में मंदिर तोड़े जाने की घटना के बाद सरकार का चेहरा बेनकाब हुआ है. सरकार ने इस मामले में दो अधिकारी व नगर पालिका के चेयरमैन को निलंबित किया है. लेकिन सरकार राजगढ़ विधायक को बचाने में लगी है. उनके खिलाफ भी निष्कासन की प्रक्रिया होनी (BJP demands removal of Rajgarh MLA) चाहिए.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा अलवर में कांग्रेस के जिला स्तरीय प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने के लिए सोमवार को आए थे. इसके अगले दिन भाजपा के संगठन प्रभारी विष्णु चेतानी अलवर आए. उन्होंने एक प्रेस वार्ता के दौरान प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि डोटासरा प्रदेश की जनता को गुमराह कर रहे हैं. कांग्रेस जिस नगर पालिका के फैसले का हवाला देते हुए अतिक्रमण हटाने की बात कह रही है, उस नगर पालिका की बैठक में विधायक मौजूद थे. कई सालों पुराने इस फैसले को राजगढ़ विधायक ने बैठक में शामिल किया व गौरव पथ निर्माण के लिए अतिक्रमण हटाने की बात कही. सरकार ने इस मामले में विधायक को बचाते हुए राजगढ़ एसडीएम, राजगढ़ नगर पालिका के ईओ व नगर पालिका के चेयरमैन को निलंबित किया.
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भाजपा के नेताओं ने कहा कि राजगढ़ विधायक के बेटे पर दुष्कर्म के आरोप लगे हैं. विधायक अपने बेटे को बचाने का प्रयास कर रहे हैं. इस मामले को दबाने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया. भाजपा के नेताओं ने कहा कि आगामी दिनों में प्रदेश सरकार के खिलाफ व इस घटना के विरोध में प्रदर्शन किया जाएगा. सड़क पर भाजपा हंगामा करेगी व अपना विरोध दर्ज करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार के कारनामे जनता के सामने लाए जाएंगे. कांग्रेस सरकार का चेहरा जनता के सामने आ चुका है. आने वाले चुनाव में जनता इसका जवाब देगी. आम जनता परेशान है. नेता, विधायक मनमानी कर रहे हैं. प्रदेश में हालात खराब हो रहे हैं.
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इस मौके पर भाजपा जिला अध्यक्ष संजय नरूका ने भी राजगढ़ विधायक के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की. उन्होंने प्रदेश सरकार पर जाति विशेष के लोगों का समर्थन कर वोट बैंक की राजनीति करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अगर अतिक्रमण हटाना था, तो इसकी अनुमति और समर्थन लोगों से लेना चाहिए था. उसके बाद इस कार्रवाई को करना चाहिए था. उन्होंने कहा कि सरकार को तोड़े हुए घरों व दुकानों को फिर से बनाना चाहिए. मंदिरों का निर्माण कराना चाहिए. उन्होंने कहा कि अतिक्रमण तोड़ने के दौरान एक दुकान पर जाति विशेष का नाम लिखा था. इसलिए अतिक्रमण दस्ते ने उस दुकान को नहीं तोड़ा.