अलवर. जिले में भाजपा की तरफ से मंडल स्तर पर सशक्त कार्यक्रम चलाया जा रहा है. रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान भाजपा के जिला अध्यक्ष संजय नरूका ने विवादित बात कही थी. उन्होंने कहा कि राजनीति में लोग अपने फायदे के लिए आते हैं. राजनीति कोई सेवा नहीं है, इसमें लोग पैसे लेते हैं. यह बयान सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ. इसके बाद उनकी पार्टी के नेताओं ने ही नरूका के ऊपर सवाल उठाए.
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इसके बाद संजय नरूका बैकफुट पर नजर आ रहे हैं. सोमवार को संजय नरूका ने अपने बयान पर सफाई दी और माफी मांगी. उन्होंने कहा कि अगर मेरे बयान से किसी को आहत हुई है तो मैं माफी मांगता हूं. मेरे बयान को गलत तरह से विरोधियों ने तोड़ मरोड़ कर पेश किया है.
नरूका ने अपने बयान को लेकर मांगी माफी भाजपा जिला अध्यक्ष संजय नरूका ने कहा कि राजनीति में अब डॉक्टर, एक्टर, खिलाड़ी, साधु लोग आते हैं. सभी के आपस में संपर्क बनते हैं. लोग एक-दूसरे की मदद करते हैं. उन्होंने कहा कि मेरे विरोधियों ने मेरे इस बयान को गलत तरह से तोड़-मरोड़ कर पेश किया है. फिर भी अगर मेरे बयान से किसी को आहत हुई है तो मैं माफी मांगता हूं. मेरा किसी का दिल दुखाने का कोई इरादा नहीं था.
नरूका ने कहा कि मंडल स्तर के कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं के सवालों के आधार पर मैंने बात की थी. उन्होंने अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ का उदाहरण देते हुए का कि आज भी कुछ लोग ऐसे हैं, जो निस्वार्थ भावना से सेवा भाव से काम कर रहे हैं. जिलाध्यक्ष ने कहा कि हो सकता है पार्टी में कुछ लोग मेरी कार्यप्रणाली से खुश नहीं हो और इसलिए उन्होंने टिप्पणी की है. लेकिन मैं पार्टी का कार्यकर्ता हूं और पार्टी को मजबूत करने का काम कर रहा हूं.
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एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सभी लोग एक दूसरे से जुड़ते हैं और उनका नाम होता है, उनके काम होते हैं. उन्होंने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि अब राजनीति में साधु, डॉक्टर और खिलाड़ी सभी लोग आते हैं. कार्यकर्ताओं को समझाते हुए मैंने कहा कि अगर वो काम करेंगे तो उनका नाम होगा.
उन्होंने कहा कि प्रत्येक परिवार को निशुल्क अनाज केंद्र सरकार की तरफ से दिया जा रहा है. इसके अलावा केंद्र सरकार की तरफ से चलाई जा रही सभी योजना का फायदा प्रत्येक अंतिम व्यक्ति को मिले, इसके लिए बूथ स्तर पर समितियों को एक्टिव किया गया है. इसी के तहत पूरे प्रदेश और देश में कार्यक्रम चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि हो सकता है कुछ लोग मेरे काम व्यवहार से संतुष्ट न हो, लेकिन मैं पूरी ईमानदारी से संगठन को मजबूत करने का काम कर रहा हूं.