अलवर. सभापति पद के लिए 26 नवंबर को चुनाव होने हैं. उससे पहले भाजपा और कांग्रेस को पार्षदों की सेंधमारी का डर सताने लगा है. इसलिए लगातार दोनों पार्टियों की तरफ से पार्षदों की बाडेबंदी की जा रही है. भाजपा के पार्षद यूपी और उत्तराखंड का रुख कर रहे हैं. तो वहीं कांग्रेस की तरफ से राजस्थान में लगातार पार्षदों की जगह बदली जा रही है.
सभापति पद के चुनाव से पहले पार्षदों की बाडेबंदी को लेकर सतर्क नजर आ रही पार्टियां बता दें कि अलवर, भिवाड़ी और थानागाजी में सभापति का 26 नवंबर को चुनाव होना है. सभापति के नामांकन के आखिरी दिन कांग्रेस की ओर से भाजपा के बाड़ेबंदी में जबरन घुसकर उनके तीन पार्षदों को ले जाने का मामला सामने आया था. उसके बाद से लगातार दोनों ही पार्टियों की तरफ से पूरी सतर्कता बरती जा रही है.
जहां एक तरफ पार्टी के वरिष्ठ नेता लगातार बोर्ड बनाने का दावा कर रहे हैं. तो वहीं सभी पार्षदों से संपर्क साधने का काम भी चल रहा है. इन सबके बीच भाजपा की तरफ से पार्षदों को यूपी उत्तराखंड के विभिन्न शहरों में रखा जा रहा है. दअरसल यूपी और उत्तराखंड में भाजपा की सरकार है. ऐसे में भाजपा को लगता है कि वहां उनके पार्षद शायद सुरक्षित रहेंगे. इसलिए वो लगातार यूपी और उत्तराखंड में बाडेबंदी कर रहे हैं.
पढ़ें:अलवरः बानसूर अस्पताल का दिल्ली में सम्मान, साफ-सफाई और मरीजों के लिए बेहतरीन सेवाएं देना अस्पताल की विशेषता
जबकि कांग्रेस की तरफ से राजस्थान में विभिन्न जगहों पर बाडेबंदी की जा रही है. यहां तक के सभी पार्षदों के मोबाइल भी बंद करा दिए गए हैं. अगर कोई पार्षद मोबाइल पर बात करना चाहता है, तो उसे सबके सामने ग्रुप में बात करनी होगी. उसको अकेले में फोन पर बात करने की अनुमति नहीं है. प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली लगातार बाडेबंदी में पार्षदों से मिल रहे हैं. दोनों ही पार्टियों की तरफ से आगामी कार्यक्रम पर चर्चा की जा रही है. बाडेबंदी के दौरान पार्षद मौज मस्ती करते हुए नजर आ रहे हैं, उनकी यह फोटो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रही है.