अलवर.शहर में इंदिरा रसोई के टेंडर को लेकर सोमवार को सभापति बीना गुप्ता और कार्यकारी आयुक्त कुमारसंभव अवस्थी में विवाद हो गया. सभापति ऑनलाइन टेंडर लगाना चाहती थी. जबकि आयुक्त द्वारा ऑफलाइन टेंडर लगाए जा रहे थे. ऐसे में सभापति द्वारा इसका विरोध किया गया तो वहीं कार्यकारी आयुक्त ने इस पूरे मामले से सभापति को बिना अवगत कराएं टेंडर प्रक्रिया करने की तैयारी की मामले की जानकारी मिलते ही सभापति और कार्यवाहक कमिश्नर में विवाद हो गया.
नगर परिषद सभापति और कार्यवाहक आयुक्त का ऑडियो हुआ वायरल आयुक्त ने सभापति पर मारपीट का आरोप लगाते हुए मामले की लिखित शिकायत कोतवाली थाना पुलिस को दी. पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करके मामले की जांच पड़ताल शुरू की. तो वहीं उसके अगले दिन मंगलवार को सोशल मीडिया पर दोनों का एक ऑडियो वायरल हुआ. इसमें सभापति बिना गुप्ता फोन पर धमका रही हैं. यह ऑडियो पुरानी आयुक्त फतह सिंह मीणा के जाने के बाद का बताया जा रहा है. उसके बाद सरकार ने कुमारसंभव अवस्थी को आयुक्त लगा दिया.
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सभापति ने कहा कि इसका मैंने विरोध किया 10 दिनों तक में नगर परिषद नहीं आई थी. जयपुर में जाकर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की जानकारी अधिकारियों को दी. वहीं जल्द ही नए आयुक्त लगने की बात अधिकारियों ने कही थी. उन्होंने कार्यकारी आयुक्त पर कई तरह के भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि वो ऑफलाइन टेंडर लगाकर जल्दबाजी में काम कर रहे हैं. इंदिरा रसोई में 64 लाख रुपए का टेंडर लगना था. वहीं तमाम विरोध के बाद भी सोमवार रात को आयुक्त ने जल्दबाजी में 12 लाख रुपए का टेंडर अपलोड कर दिया. ऐसे में साफ है कि वो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. क्योंकि मंगलवार को नगर परिषद में नए आयुक्त के आने की जानकारी मिल रही थी.
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सभापति बीना गुप्ता ने वायरल हो रही ऑडियो पर बोलते हुए कहा कि यह पूरी तरह से गलत है. उनके साथ नगर परिषद के कर्मचारी और पार्षद मौजूद थे. जिस समय उन्होंने बात की वहां अन्य पार्षद और कर्मचारी मौजूद थे. लगातार कार्यवाहक आयुक्त उनके कामों को प्रभावित कर रहा था. कई बार मना करने के बाद भी उनके बालों के कर्मचारियों को इधर-उधर कर दिया गया. तो वही कई सड़कों के निर्माण और अन्य कार्यों में धांधली की जानकारी मिली. उन्होंने कहा कि मैंने पार्षदों के बीच केवल धमकाया था. मैंने कुछ गलत नहीं किया है.