अलवर.सरकार के 2 विभागों का काम कर रही आशा सहयोगिनी बुधवार को जिला कलेक्टर से मिलने और ज्ञापन देने कलेक्ट्रेट पहुंची हैं. इन आशा सहयोगिनियों ने एक दिन पहले से ही कार्य बहिष्कार भी शुरू कर दिया है. आशा सहयोगिनियों ने बताया वह महिला बाल विकास विभाग का भी काम करती हैं और साथ में मेडिकल विभाग वाले भी उनसे जबरन काम लेते हैं. कोई भी रिपोर्ट लेनी हो या कोरोना के दौरान सर्वे करना हो इन्हीं आशा सहयोगिनियों को फील्ड में भेजा जाता है.
हालात यह है कि रात को 8 बजे भी यदि कोरोना पेशेंट आ जाए, तो इन्हीं आशा सहयोगिनियों को फील्ड में भेज जाता है. आशा सहयोगिनियों ने बताया कि उन्हें मात्र 2700 रुपए मिलते हैं, जो कि न्यूनतम मजदूरी से भी कम है. मौजूदा सरकार ने 2 साल पहले यह वादा किया था कि आशा सहयोगिनियों को नियमित कर दिया जाएगा, लेकिन सरकार भी अब उनकी ओर से आंखें बंद कर बैठी हैं. मेडिकल विभाग का काम हमें ही सबसे ज्यादा करना पड़ रहा है और मेडिकल विभाग से कोई पैसा उन्हें नहीं मिल रहा है.