अलवर. जिला मुख्यालय स्थित जेल परिसर में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज निर्माण का सपना जल्द पूरा हो सकेगा. जयपुर में बुधवार को मेडिकल कॉलेज निर्माण कमेटी के सदस्यों ने मेडिकल कॉलेज भवन के नक्शे एवं कंसेप्ट प्रोजेक्ट रिपोर्ट (सीपीआर) को स्वीकृति प्रदान कर दी है. अब आगामी दीपावली तक मेडिकल कॉलेज भवन की नींव बनने की उम्मीद है.
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जिलावासियों को करीब एक दशक से जेल परिसर में केन्द्र प्रवर्तित योजना सीएसएस के तहत मेडिकल कॉलेज निर्माण का इंतजार था. यह प्रोजेक्ट कभी जमीन के फेर में तो कभी सरकार की अदला-बदली में अटकता रहा. पिछले कुछ महीनों से मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए विशेष प्रयास शुरू हुए. जिसके बाद मेडिकल कॉलेज भवन निर्माण की राह खुल सकी.
पूर्व में जेल परिसर में मेडिकल कॉलेज भवन के लिए अतिरिक्त जमीन आवंटन के प्रयास किए गए. वहीं चिकित्सा विभाग की ओर से भवन का नक्शा पास कराने सहित अन्य जरूरी कार्य किए गए. इसी का परिणाम रहा कि बुधवार को मेडिकल कॉलेज भवन के नक्शे को कमेटी की स्वीकृति मिल गई.
15 दिन में डीपीआर तैयार, फिर लगेगी निविदा
मेडिकल कॉलेज के नक्शे को अंतिम रूप दिए जाने के बाद अब आगामी 10 से 15 दिनों में भवन की डीपीआर तैयार की जाएगी. इसके बाद भवन निर्माण के लिए निविदा लगाई जाएगी. निविदा प्रक्रिया को अंतिम रूप देने तथा कार्यादेश जारी करने में करीब एक महीने का समय लगने की उम्मीद है. यदि सब निर्धारित योजना अनुसार चलता रहा तो संभावना है कि आगामी दीपावली से पूर्व जेल परिसर में मेडिकल कॉलेज की नींव लग सकेगी.
अगले सत्र में प्रवेश देने का लक्ष्य
मेडिकल कॉलेज में अगले सत्र में एमबीबीएस के 100 छात्रों को प्रवेश दिए जाने का लक्ष्य है. संभावना है कि अलवर में मेडिकल के छात्रों के अध्ययन का सपना अगले सत्र से पूरा होगा. इसका कारण है यह कि अलवर में मेडिकल कॉलेज शुरू करने के लिए प्रस्तावित भवन के निर्माण के अलावा अन्य सभी जरूरतें पहले ही पूरी हैं. मेडिकल कॉलेज शुरू करने के लिए 400 बेड की सुविधा का होना अनिवार्य है, जबकि अलवर के सामान्य अस्पताल में पहले से ही 700 बेड की सुविधा मौजूद हैं. इसके अलावा अन्य जरूरतें भी पूरी हैं.
यह स्वरूप होगा मेडिकल कॉलेज का
सीएसएस योजना के तहत अलवर में बनने वाले मेडिकल कॉलेज में भूमि तल सहित तीन मंजिला एकेडमिक ब्लॉक होगा. साथ ही ब्वॉयज और इंटर्न व्बॉयज, गल्र्स एवं इंटर्न गल्र्स, भूमि तल पर होस्टल के लिए मेस, प्रिंसिपल निवास होगा.
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साथ ही टीचिंग स्टाफ क्वाटर, नॉन टीचिंग स्टाफ क्वाटर, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के निवास, भूमि तल पर इंडोर स्टेडियम ब्लॉक, ओपन थियेटर, इएसएस तथा अन्य सर्विसेज होंगी. वहीं, यूजीटी, एसटीपी, इटीपी, प्ले ग्राउंड, टेनिस कोर्ट, एनीमल होल्ड एरिया, भविष्य के लिए हॉस्टल तथा पार्किंग की सुविधा होगी.
यह पड़ेगी जरूरत
मेडिकल कॉलेज के लिए एक लेक्चरर थियेटर की जरूरत होगी. जिसे अस्पताल के पुराने भवन में तैयार किया जाएगा. अतिरिक्त बेड की जरूरत नहीं होगी, लेकिन उनका नवीनीकरण कराना होगा. साथ ही अस्पताल के पुराने भवन में 10 इमरजेंसी बेड लगाने होंगे, 10 आइसीयू बेड अस्पताल के पुराने भवन में लगाए जाएंगे. ओपीडी, सेंट्रल लैब का नवीनीकरण किया जाएगा.