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अलवर में Crime और Hate Speech पर पुलिस सख्त, इस नेता के खिलाफ लिया प्रसंज्ञान

अलवर के रामगढ़ में 29 जून को एक नाबालिग से गैंगरेप का मामला सामने आया था. इस मामले में दो दिन बाद रामगढ़ के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ पीड़िता और उसके परिजनों से मिलने पहुंचे थे. उसके बाद उन्होंने विवादित बयान दिया था. मामले में अलवर पुलिस ने प्रसंज्ञान लेते हुए ज्ञानदेव आहूजा के खिलाफ FIR दर्ज कर शांति भंग करने और माहौल खराब करने के आरोप में एसडीएम कोर्ट में मामला पेश किया है.

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अलवर में Crime और Hate Speech पर पुलिस सख्त

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Published : Jul 6, 2021, 6:31 PM IST

अलवर. पूर्वी राजस्थान का कश्मीर और राजस्थान का सिंह द्वार कहा जाने वाला अलवर अरावली की सौम्य पर पर्वतमालाओं के बीच बसा है जिसका आकर्षण देखने के लिए यहां पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है. राजधानी जयपुर से करीब 148 किलोमीटर और दिल्ली से करीब 160 किलोमीटर बसे अलवर का राजस्थान के मेवात अंचल में एक अलग महत्व रहा है.

अलवर ने बटोरी नकारात्मक सुर्खियां

लेकिन, पिछले कुछ सालों से अलवर ने आपराधिक गतिविधियों के चलते देशभर से खूब नकारात्मक सुर्खियां बटोरी है. लूट और जेब काटने की वारदातों के बाद अब अलवर से मॉब लिंचिंग, गैंगरेप, लूट, हत्या जैसी घटनाएं हर दूसरे दिन सामने आती हैं.

अलवर में Crime और Hate Speech पर पुलिस सख्त

पढ़ें- अलवर: रामगढ़ में नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म, 2 आरोपी गिरफ्तार

अलवर पुलिस सख्त

अलवर में लगातार हो रहे अपराध ने पुलिस प्रशासन और सरकार के नाक में दम कर रखा है. लेकिन अपराधियों पर नकेल कसने के लिए अलवर पुलिस सख्त हो गई है. इसका ताजा उदाहरण पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा पर FIR दर्ज करना है.

जो शांति व्यवस्था बिगाड़ेगा उसको पाबंद किया जाएगा: SP

अलवर पुलिस अधीक्षक तेजिस्वनी गौतम का कहना है कि पुलिस का मुख्य काम शांति व्यवस्था को बनाए रखना है. उन्होंने कहा कि अगर कोई भड़काऊ भाषण देता है, जिससे आने वाले समय में समस्याएं उत्पन्न हो सकती है तो उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई कर रही है. उन्होंने कहा कि अगर कोई बेवजह अफवाह फैलाकर किसी भी शांति प्रक्रिया को भंग करने की कोशिश करेगा तो उसको पाबंद किया जाएगा, चाहे वो किसी भी समाज, किसी भी पार्टी के हो या किसी भी स्तर के हो. उन्होंने कहा कि पुलिस के लिए सबसे जरूरी है कि जिले में कानून व्यवस्था बनी रहे और गलत बयानबाजी और अफवाह फैलाने की घटना न हो.

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लोकतांत्रिक तरीके से रख सकते हैं अपनी बात: SP

गौतम ने कहा कि किसी भी तरीके का धरना-प्रदर्शन हो या किसी भी तरीके से अपनी बात रखने का सही तरीका हो तो उसका उन्हें अधिकार है. वर्तमान समय में वो सरकार और जिला प्रशासन की ओर से जो कोरोना गाइडलाइन तय की गई है, उसका ध्यान रखते हुए वह अपनी बात रख सकता है. लेकिन यह ध्यान रहे कि वह किसी भी व्यक्ति विशेष और किसी भी समाज विशेष के विरूद्ध न हो और लोकतांत्रिक तरीके से ली जाए.

क्या है पूरा मामला

अलवर के रामगढ़ क्षेत्र के एक गांव में 29 जून को 12 साल की बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया था. इस मामले में भाजपा के पूर्व विधायक और प्रदेश उपाध्यक्ष ज्ञानदेव आहूजा करीब 200 समर्थकों के साथ पीड़िता के गांव पहुंचे और 25 जुलाई को गैंगरेप के विरोध में रैली करने की घोषणा की थी. इस दौरान उन्होंने एक विवादित बयान दिया था.

आहूजा ने दिया था विवादित बयान

पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने एक विशेष समाज को लेकर कहा था कि समाज के लोगों को हाथों में हथियार लेने होंगे. उन्होंने समाज के लोगों से आह्वान किया और एक दिन तहसील परिसर में हजारों की संख्या में लोगों को इकट्ठा होने की बात कही. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ.

आहूजा के खिलाफ पुलिस ने लिया प्रसंज्ञान

वीडियो वायरल होने के बाद अलवर पुलिस ने इस मामले में तुरंत प्रसंज्ञान लेते हुए 108 सीआरपीसी में मामला दर्ज करते हुए रामगढ़ एसडीएम कोर्ट में मामला पेश किया है.

रामगढ़ मामले में पुलिस ने पूरी जिम्मेदारी निभाई: SP

इसको लेकर अलवर पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम का कहना है कि पुलिस ने रामगढ़ मामले में अपनी पूरी जिम्मेदारी निभाई है. पुलिस ने 24 घंटे के अंदर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही पीड़िता का मेडिकल कराया गया और उसके 164 के बयान दर्ज किए गए. इस मामले को केस ऑफिसर स्कीम में लेकर आरोपियों को कठोर से कठोर सजा दिलाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं. तेजस्विनी गौतम, अलवर एसपी

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