अलवर.मालाखेड़ा पुलिस थाना क्षेत्र के नावली गांव में जिस बालक की हत्या को नरबलि माना जा रहा था. पुलिस ने मंगलवार को मामले का खुलासा किया है. पुलिस ने नरबलि की बात को सिरे से नकार दिया है और उनका कहना है कि मृतक के परिवार के ही एक बाल अपचारी ने उसकी हत्या की है. बाल अपचारी को मृतक महाराज के नाम से चिढ़ाता था. जिससे खफा होकर उसने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. पुलिस ने बाल अपचारी को निरुद्ध कर लिया है.
क्या है पूरा मामला...
पुलिस अधीक्षक तेजस ने गौतम ने बताया कि 26 दिसंबर को नावली के रहने वाले घीसाराम ने अपने बेटे निर्मल उर्फ बाबू की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. लेकिन दूसरे दिन ही गुमशुदा बालक का शव सरसों के खेत में मिला. शव के नाक, कान काटे हुए थे जिसके बाद कहा जा रहा था कि किसी ने बलि देने के लिए बालक की हत्या की है. मौके से डॉग स्क्वायड और एफएसएल की टीम ने साक्ष्य जुटाए. जिसके बाद पुलिस ने हत्या के मामले में मृतक बालक के ही परिवार के एक बाल अपचारी को निरुद्ध किया है.
महाराज, महाराज कहकर चिढ़ाने से परेशान था बाल अपचारी...
पुलिस ने बताया कि बाल अपचारी 2018 में काफी बीमार हुआ था. घर वालों ने उसका कई जगह इलाज करवाया. ठीक होने के बाद बाल अपचारी बताने लगा कि उसमें कोई देवता आते हैं और वह भूत-प्रेत का इलाज करने लगा. जिसके बाद बाल अपचारी को आस-पास के लोग महाराज, महाराज कहकर बुलाते थे. मृतक बालक निर्मल भी बाल अपचारी को महाराज, महाराज कहकर चिढ़ाता था. जिसके चलते बाल अपचारी निर्मल से काफी परेशान हो गया था.