अलवर. जिले का ड्रीम प्रोजेक्ट मिनी सचिवालय आठ साल से बजट के अभाव में अटका हुआ था. लेकिन अब जल्द इसका काम पूरा हो जाएगा. सरकार ने पिछले दिनों ही 40 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है. लेकिन सरकार ने हालत ही में सीएमओ में हुए एक प्रेजेंटेशन में कुछ बदलाव करने के लिए कहा है. अलवर का तहसील परिसर इसमें शिफ्ट कर दिया गया है. साथ ही कलक्टेट के जल्द ही मिनी सचिवालय में स्थानांतरित होने की आस जगी है. कलेक्ट्रेट, पुलिस व अन्य प्रमुख विभागों के कार्यालयों की शिफ्टिंग होने की उम्मीद है.
प्रशासन, पुलिस व अन्य प्रमुख विभागों के कार्यालयों को एक छत के नीचे शिफ्ट करने के लिए राज्य सरकार ने अलवर में मिनी सचिवालय निर्माण को स्वीकृति दी. सरकार के इस डीम प्रोजेक्ट को शुरू हुए करीब 8 साल का लंबा समय बीत गया, लेकिन निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाने से कलेक्ट्रेट, पुलिस व अन्य प्रमुख कार्यालय अब तक मिनी सचिवालय में शिफ्ट नहीं हो सके हैं. नवनिर्मित मिनी सचिवालय का निर्माण कई महीने से अंतिम चरण में अटका हुआ था. अब तक मिनी सचिवालय के निर्माण में 95 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं.
यह प्रोजेक्ट राजस्थान सरकार का है और इसकी कार्यकारी एजेंसी राजस्थान अरबन डिकिंग वाटर सीवरेज एंड इंफ्रास्टक्चर कॉपोरेशन लि. (रुडसिको) है. यूआईटी को बजट व्यवस्था का जिम्मा सौंपा गया. इस प्रोजेक्ट में तीन एजेंसिंयों की भागीदारी के चलते यहां घटिया निर्माण और फर्जीवाड़ा की पोल भी खुलती रही, जिससे निर्माण कार्य में देरी होती रही.