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अलवर: कोरोना ने फीकी की बाजार की चमक, दुकानदार हुए परेशान - Alwar Market

होली को देखते हुए अलवर के बाजार अब पुरी तरह से सजे चुके हैं, लेकिन एक ओर कोरोना काल में होली की चमक फीकी भी रह सकती है. यहां तक कि कोरोना के डर से इस बार लोग होली खेलने से बचते नजर आ रहे हैं, ऐसे में होली के मौके पर होने वाली खरीदारी खासी प्रभावित हो रही है.

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कोरोना ने फीकी की बाजार की चमक

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Published : Mar 27, 2021, 8:18 AM IST

अलवर. 29 मार्च को होली का पर्व मनाया जाएगा. जिसको देखते हुए अलवर के बाजार अब पुरी तरह से सजे चुके हैं, लेकिन एक ओर कोरोना काल में होली की चमक फीकी भी रह सकती है. यहां तक कि कोरोना के डर से इस बार लोग होली खेलने से बचते नजर आ रहे हैं, ऐसे में होली के मौके पर होने वाली खरीदारी खासी प्रभावित हो रही है. वहीं दुकानदारों की मानें तो बीते साल से 30 से 40 प्रतिशत मार्केट प्रभावित हो रहा है. ऐसे में इस साल भी दुकानदारों को कोरोना की मार झेलनी पड़ रही है.

कोरोना ने फीकी की बाजार की चमक
माना जाता है कि हिंदू धर्म में होली पर्व का खास महत्व है. होली के दिन लोग एक दूसरे को गुलाल लगाते हैं और मिठाई खाते हैं और एक दुसरे से गले लग होली की बधाई भी देते हैं. इस त्योहार को लेकर कई दिनों पहले होली की तैयारी शुरू हो जाती है. छोटे बच्चे आपस में पिचकारी में रंगों से होली खेलते हैं, तो वहीं महिलाएं अपने से बड़ी महिलाओं के गुलाल लगाकर उनका आशीर्वाद लेती हैं.

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होली के इस शुभ अवसर पर ढोल नगाड़े बजते हैं और लोग इस दिन अलग-अलग पोशाक पहनकर होली में घूमते हैं. इसके साथ ही होली के दिन व्यंजन में गुजिया नमकीन मठरी सहित कई तरह के पारंपरिक पकवान बनते हैं, जिनका सभी लोग खाकर इसका भरपुर रुप से आनंद लेते हैं. वहीं होली के दिन ठंडाई का खास महत्व है, जो अलवर ब्रज क्षेत्र से जुड़ा हुआ है. इसलिए अलवर की होली प्रदेश में अन्य शहरों से कुछ अलग ही होती है, लेकिन इस बार कोरोना के चलते लोग होली खेलने से बच रहे हैं. जिसका प्रभाव अलवर के बाजार पर नजर आने लगा है. खरीदारी बीते साल की तुलना में इस बार कम हो रही है. दुकानदारों की मानें तो 30 से 40 प्रतिशत बाजार प्रभावित हो रहा है.
वहीं बाजार में होली के मौके पर 10 से लेकर एक हजार रुपए तक की पिचकारी गुलाल रंग और होली खेलने के कई अन्य उपकरण उपलब्ध हो चुके है, लेकिन लोग केवल बच्चों के लिए खरीदारी कर रहे हैं, ऐसे में सस्ते सामान की डिमांड ज्यादा है. दुकानदारों ने कहा कि लोग अब हर्बल रंग और हर्बल गुलाल को ज्यादा पसंद करने लगे हैं. पहले के समय लोग गिरीश काला रंग हरा रंग सहित ऐसे कई रंग मांगते थे, जो त्वचा आंख को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

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इसके साथ ही सस्ते रंग में कई तरह की मिलावट होती है. इसलिए लोग ऐसे रंगों से बचते नजर आ रहे हैं. इस दौरान अलवर के दुकानदारों ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि कोरोना का प्रभाव होली पर साफ दिखता नजर आ रहा है. ऐसे में दुकानदार खासे परेशान हैं, दूसरी तरफ प्रशासन की तरफ से भी लगातार सख्ती बरती जा रही है.

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