अलवर.सफेद सोने यानी मार्बल के लिए किया गया ब्लास्ट इतना खतरनाक था कि आसपास के 4 से 5 गांव में पत्थर उछल कर गए (Marble mining in Alwar). इस दौरान पास के गांव के घरों की दीवारों में दरार आ गई. घर व मंदिर में मोटे पत्थर गिरे. इस दौरान बड़ा हादसा होने से टल गया. ग्रामीणों ने इसका विरोध किया. मामले की जानकारी मिलते ही बुधवार को प्रशासन, पुलिस और खान विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया व ग्रामीणों से बात की.
रात दिन ब्लास्टिंग :अलवर के थानागाजी क्षेत्र के झिरी गांव के पास 10 हेक्टेयर में ओम शिवम खान दो माह पहले शुरू हुई है (Marble mining in Jhiri). सेंट्रल पर्यावरण विभाग से खान को चलाने की अनुमति मिली है. इस समय टहला और थानागाजी क्षेत्र के आसपास चलने वाली 150 खानों में से सभी खाने बंद हो चुकी हैं. केवल ओम शिवम खान को केंद्रीय पर्यावरण विभाग से अनुमति मिली है. पत्थर तोड़ने के लिए रात दिन ब्लास्टिंग (Blast for Marble in Jhiri) होती है.
भूकंप सा कंपन: मंगलवार 23 अगस्त को देर शाम ब्लास्टिंग के लिए खान में 80 से 100 फुट गहरे होल किए गए. उनमें बारूद भरकर ब्लास्ट किया गया. आमतौर पर 15 से 20 फुट के होल होते हैं. ब्लास्टिंग के दौरान धमाका इतना तेज हुआ कि डेढ़ से दो किलोमीटर दूर तक धरती में भूकंप जैसा असर हुआ. इस दौरान लोग अपने घरों से बाहर आ गए. तो वहीं खान के आसपास के तीन से चार गांव में पत्थर उछलकर गिरे. इस दौरान बड़ा हादसा होने से टल गया. धमाके से घरों में दरार आ गई और छत के ऊपर पत्थर गिर गए. हादसे के दौरान एक भैंस खान में गिर गई. घरों में पढ़ाई कर रहे बच्चों के पास पत्थर गिरे. ग्रामीणों को लगा कि भूकंप आया है.
उन्होंने घरों से बाहर निकल कर देखा तो घरों में पत्थर पड़े हुए थे. इस पर ग्रामीण पास की खान में पहुंचे और काम रुकवाया. इस दौरान ब्लास्ट करने वाले लोग भाग गए. लेकिन रात भर खान में काम हुआ. सुबह ग्रामीणों ने पहुंचकर हंगामा किया और अपना विरोध दर्ज कराया. मामले की सूचना प्रशासन व खान विभाग को दी गई. प्रशासन में खान विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया व अपनी रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को दी.