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'संदिग्धों' के लिए पनाहगाह बन रहा अलवर, यूपी और हरियाणा की सीमा से सटा होने के कारण छुपना आसान...6 माह में मिले 3 संदिग्ध

अलवर में क्राइम का ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा है. इसके साथ ही यह संदिग्ध और शातिरों के लिए भी सुरक्षित ठिकाना बनता जा रहा है. देश विरोधी गतिविधियों में शामिल कुछ संदिग्ध भी यहां पकड़े जा चुके हैं जिनके तार आतंकी संगठनों से जुड़े पाए गए हैं. बीते 6 माह में जिले में 3 संदिग्ध पकड़े जा चुके हैं. ऐसे में अलवर पुलिस के सामने चुनौती भी बढ़ती जा रही है.

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संदिग्धों के छुपने के लिए अच्छा ठिकाना बन रहा अलवर

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Published : Sep 24, 2021, 7:50 PM IST

Updated : Sep 24, 2021, 10:47 PM IST

अलवर. एनसीआर का हिस्सा होने के साथ ही अलवर उत्तर प्रदेश व हरियाणा राज्य का सीमावर्ती जिला भी है. जिले से दिल्ली, उत्तर प्रदेश व हरियाणा में आना-जाना आसान है. ऐसे में 'संदिग्धों' के लिए यह जिला सुरक्षित ठिकाना बनता जा रहा है. बीते कुछ दिनों में यहां दो संदिग्ध पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं. साथ ही देश विरोधी गतिविधियों में शामिल एक युवक को अलवर के तिजारा क्षेत्र से गिरफ्तार भी किया गया है. ऐसे में अलवर पुलिस की चिंता भी बढ़ गई है.

प्रदेश में क्राइम के मामले अलवर का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है. एफआईआर दर्ज किए जाने के मामले में भी जिला सबसे आगे है. यह प्रदेश का अकेला ऐसा जिला है जहां दो एसपी तैनात हैं. अलवर में प्रमुख रूप से गो तस्करी, फायरिंग, रंगदारी, लूटपाट, गैंगरैप, रेप, वाहन चोरी, खाद्य पदार्थों मिलावट और धर्म परिवर्तन जैसे गंभीर क्राइम होते हैं. अलवर का कुछ किस्सा मेवात क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है. ऐसे में अलवर 'संदिग्ध' और शातिरों का ठिकाना भी बनता जा रहा है.

संदिग्धों के छुपने के लिए अच्छा ठिकाना बन रहा अलवर

पढ़ें:अलवर में कथित बांग्लादेशी को ग्रामीणों ने पेड़ से बांधकर पीटा...देश विरोधी गतिविधियों का गढ़ बन रहा अलवर, 2 महीने में दूसरा संदिग्ध गिरफ्तार

बीते 6 माह के दौरान अलवर में तीन संदिग्ध लोग मिल चुके हैं. दो संदिग्ध अलवर शहर के सदर थाना अंतर्गत डेहरा क्षेत्र में पकड़े गए हैं. इसमें से एक व्यक्ति ने बताया किवह कर्नाटक का रहने वाला है, जबकि दूसरा अभी तक कुछ नहीं बोला है. अलवर के तिजारा से प्रदेश एसओजी टीम ने देश विरोधी व आतंकी गतिविधियों में शामिल एक युवक को गिरफ्तार किया था. उसके तार कई आतंकी संगठनों से जुड़े हुए थे. इससे पहले भी अलवर से कई आतंकी संगठनों और संदिग्ध गतिविधियों में शामिल युवकों को गिरफ्तार किया गया है.

संदिग्धों के छुपने के लिए अच्छा ठिकाना बन रहा अलवर

अलवर से आना जाना है आसान

उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा के नजदीक होने के कारण अलवर से आना-जाना आसान है. अलवर सड़क मार्ग और रेल मार्ग से भी सभी राज्यों से जुड़ा हुआ है. जिले में मेवात क्षेत्र है. यह मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है. इसलिए यहां संदिग्धों को आसानी से छिपने की जगह भी मिल जाती है.

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एक ही गांव में मिले दो संदिग्ध

अलवर बहरोड़ मार्ग पर डहरा गांव के ग्रामीणों ने 10 सितंबर को इस संदिग्ध व्यक्ति को पकड़कर पुलिस के हवाले किया था. देश की सुरक्षा एजेंसियां उससे पूछताछ कर रहीं हैं, लेकिन अभी तक वह कुछ नहीं बोला है. उसके रोहिंग्या व बांग्लादेशी होने की संभावना है. उसी गांव में 20 सितंबर की रात लोगों ने एक और संदिग्ध पकड़ा था लेकिन पुलिस पूछताछ में उसने उसको कर्नाटक का बताया है. पुलिस ने कहा कि अभी उससे और पूछताछ चल रही है.

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तिजारा में पकड़ा गया था देश विरोधी गतिविधियों में शामिल युवक

सात जुलाई को अलवर के तिजारा के गांव बैंगनहेड़ी से असरूदीन को गिरफ्तार किया गया था. यह इस्लामिक मीडिया नामक टेलीग्राम एप की तकनीकी से जैश ए मोहम्मद, आईएसआई, पाकिस्तान, कश्मीर में संदिग्ध पृष्ठभूमि वाले लोगों से जुड़ा हुआ था. साथ ही इसके पास से आपत्तिजनक सामग्री मिली है.

अलवर में रहकर बनाई थी धमाके की योजना

उत्तर प्रदेश के बिजनौर में हुए ब्लास्ट के तीन संदिग्ध अलवर के मूंगस्का स्थित सूरज नगर कॉलोनी के एक मकान में 18 फरवरी से 2 मार्च 2014 तक रहे थे. इस दौरान तीनों युवक पुराने वाहन बेचने व खरीदने वालों के सम्पर्क में रहे. मकान मालिक को दो अक्टूबर 2014 को केंद्र सरकार की खुफिया एजेंसी पूछताछ के लिए ले गई थी. अलवर के रास्ते आतंकी उत्तर प्रदेश गए थे. यहां उन्होंने बम ब्लास्ट की योजना बनाई थी.

Last Updated : Sep 24, 2021, 10:47 PM IST

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