अलवर. राजस्थान की औद्योगिक राजधानी अलवर में पिछले कई दिनों से किसान आंदोलन चल रहा है. जिसका सीधा असर यहां के कारोबारियों पर पड़ रहा है. अलवर में 15,000 से अधिक औद्योगिक इकाइयां हैं. जिनमें लाखों श्रमिक काम करते हैं. भिवाड़ी, नीमराणा, खुशखेड़ा, शाहजहांपुर व बहरोड़ क्षेत्र में सबसे ज्यादा औद्योगिक इकाइयां हैं. राजस्थान हरियाणा बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन से औद्योगिक इकाइयों में कामकाज प्रभावित हो रहा है.
पढ़ें: हाईकोर्ट के आदेश के बाद बन्नाराम मीणा चौथी बार बने अलवर सरस डेयरी के अध्यक्ष
प्रतिदिन हजारों की संख्या में इन औद्योगिक इकाइयों में ट्रक माल लेकर आते हैं और यहां से माल लेकर देश के विभिन्न कोनों में जाते हैं. दिल्ली-जयपुर हाईवे पूरी तरह से बंद है. लाखों वाहनों को अलवर, खैरथल, तिजारा होते हुए संचालित किया जा रहा है. जहां एक और किसान आंदोलन के चलते अलवर, सवाई माधोपुर, जयपुर सहित आसपास का पर्यटन भी प्रभावित हो रहा है. लोग अपनी बुकिंग कैंसिल करा रहे हैं तो दूसरी तरफ अलवर की औद्योगिक इकाइयों में कामकाज भी प्रभावित हो रहा है.
हाईवे के आसपास के क्षेत्र में कोरियन जोन, जापानी जोन मौजूद हैं. इन औद्योगिक इकाइयों में लाखों श्रमिक काम करते हैं. जो सुबह शाम हाईवे से होकर गुजरते हैं. रास्ते बंद होने के कारण श्रमिकों को आने-जाने में दिक्कत हो रही है. औद्योगिक इकाइयों में कच्चे माल के ट्रकों को आने में भी समस्या आ रही है. किसान आंदोलन के चलते इन ट्रक चालकों को लंबे रास्ते से होकर आना जाना पड़ रहा है.
ऐसे में ट्रांसपोर्टरों ने माल भाड़े में बढ़ोतरी कर दी है. साथ ही कामकाज भी प्रभावित हो रहा है. कुछ व्यापारियों ने बताया कि उनकी उद्योग इकाइयों में सामान से भरा हुआ ट्रक खड़ा हुआ है. लेकिन हाईवे बंद है जिसके चलते ट्रक नहीं जा सकता और ना ही वो कच्चा माल मंगवा पा रहे हैं.